*झारखण्ड सरकार द्वारा बच्चों को फ्री में देने वाले किताब को बच्चों को न देकर कबाड़ में बेचा* * प्रखंड विकास पदाधिकारी को सूचना देने पर पारा शिक्षक द्वारा 1110 रूपया में कबाड़ी को बेच दी गई पुस्तक को सुरक्षित रखते हुए कार्रवाई की बात कही*

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झारखण्ड/गुमला -घाघरा प्रखंड के सरकारी विद्यालयों में मुफ्त में बांटने वाले किताब को बच्चों को न देकर कबाड़ में बेचा जा रहा है जिसका ताजा मामला। दोदांग स्कूल के शिक्षक शिवकुमार उरांव ने बच्चों को सरकार द्वारा दी जाने वाली किताब कबाड़ी वाले को बेच डाला। वही ग्रामीणों द्वारा इसकी सूचना पत्रकारों को दी गई इसके बाद पत्रकारो द्वारा दूरभाष पर इसकी सूचना बीडीओ को दी। इसके बाद शिक्षा विभाग द्वारा उक्त किताब को इस विद्यालय में सुरक्षित रखवाया गया है और आगे की कार्रवाई करने की बात कही गई है।उक्त घटना की खुलासा तब हुआ जब कबाड़ी दुकान वाला उक्त किताब के तीन बोरी में लेकर घाघरा की ओर अपने टीवीएस मोपेड पर आ रहा था। इसी क्रम में ग्रामीणों ने चांदनी चौक में उक्त कबाड़ी वाले को रोका। इसके बाद तीन बोरी में नई किताब सिलेबस जो बच्चों को बांटने के लिए थी। वहां के पारा टीचर शिवकुमार उरांव द्वारा उक्त सिलेबस किताब कक्षा एक और दो के बच्चों को न बाटकर अपने आर्थिक फायदा के लिए कबाड़ी वाले से 1110 रुपए में तीन बोरी किताब बेच डाला।

*पिछड़ा है क्षेत्र शिक्षा के मामले में*
आदिवासी बहुल क्षेत्र में शिक्षा के प्रति अभी भी लोग जागरुक नहीं हो पा रहे हैं। जिस विभाग में लाखों करोड़ों रुपया खर्च किया जा रहा है कि बेहतर शिक्षा व्यवस्था बहाल किया जा सके। वहां के तंत्र अगर अपने जवाबदेही को तय नहीं करते हैं तो कैसे होगा इलाके में शिक्षा युक्त माहौल। निश्चित रूप से बहुत ही गंभीर विषय है।

*पुराना किताब था इसलिए बेच दिया पारा शिक्षक*
पारा टीचर शिवकुमार उरांव द्वारा दूरभाष पर पूछे जाने पर उनके द्वारा कहा गया कि उक्त किताब बहुत पुरानी थी और घर में रखी गई थी साफ सुथरा के लिए कबाड़ में बेच दिया गया।