नक्सलियों के परिजनों ने फर्जी एनकाउंटर का लगाया का आरोप, बोले सरेंडर करने आए थे, पकड़कर मारी गई गोली, डीजीपी ने कहा सबूत है तो सामने लाएं
चतराः जिले के लावालौंग थाना क्षेत्र में मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों के परिजन ने फर्जी एनकाउंटर का बड़ा अरोप लगाया है। आरोप है कि पुलिस कर्मियों ने पकड़कर गोली मारी है। वहीं, झारखंड के डीजीपी अजय कुमार सिंह ने कहा कि परिजन के आरोप में कोई दम नहीं है। अदि ऐसे कोई सबूत है तो सामने लाएं। मारे गए नक्सलियों के परिजन ने कहा है कि वे सरेंडर करना चाहते थे और लंबे समय से प्रयास कर रहे थे। पुलिस भी हमारे घर आती थी। सभी सरेंडर करने के इरादे से चतरा क्षेत्र में पहुंचे थे की पुलिस ने उन्हें धोखे में रखकर मार दिया। सैक मेंबर सुरेश पासवान उर्फ गौतम पासवान उर्फ बड़का दा के बेटे चंदन पासवान ने आरोप है कि पुलिस ने मेरे पिता को फर्जी एनकाउंटर में मारा है। इस मामले को लेकर मानवाधिकार आयोग जाएंगे। पुलिस नहीं चाहती है कि हम अच्छे से रहें। मेरे पिता आत्मसमर्पण करने वाले थे। सब जोनल कमांडर अजय यादव उर्फ नंदू के दामाद संतोष यादव ने आरोप है कि मुठभेड़ होता तो दोनों ओर से गोलियां चलती। लेकिन सरेंडर करने के बाद गोली मारी गई। वह 2000 के बाद से घर पर थे, लेकिन पुलिस से परेशान होकर दोबारा नक्सली बने थे। इस बाबत डीजीपी अजय कुमार सिंह का कहा है कि जो हुआ सामने है। मुठभेड़ का प्रमाण भी सबके सामने है। परिजन के आरोप में दम नहीं है। अदि सबूत है तो सामने लाएं।