*सरांगो नावाटोली निवासी कर्नाटक काम करने गई लड़की को हुई मौत,सीआरपीएफ डीआईजी और जनप्रतिनिधियों के प्रयास से शव पहुंचा गांव*

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झारखण्ड/गुमला -घाघरा प्रखंड के सरांगाे नावाटोली निवासी कर्नाटक काम करने गए होसरी कुमारी की मौत हो गई। वही सीआरपीएफ डीआईजी रविंद्र भगत और पंचायत के मुखिया और पंचायत समिति सदस्य के सहयोग से कंपनी की मदद से शव को एयर एंबुलेंस की मदद से रांची भिजवाया गया। जहां शनिवार की शाम 4:00 बजे मृतिका होसरी का शव एम्बुलेंस से पैतृक गांव पहुंचा। जहां पहुंचने के साथी माहौल गमगीन हो गया।घटना के बाबत जानकारी के अनुसार मुखिया राजेश बड़ाइक ने बताया कि होसरी कुमारी गुरुकुल गुमला के सिलम से ट्रेनिंग करके वह प्लेसमेंट के तौर पर कर्नाटक के हाली बाडू में गार्ड के रूप में काम करने के लिए विगत 5 वर्ष पहले ही गई थी। बीते वर्ष वह अपने घर आई थी। जिसके बाद वह पुण काम करने चली गई थी।12 सितम्बर को वह अपने दोस्तों के साथ ड्यूटी खत्म होने के उपरांत घूमने के लिए गई थी। जहां शाम 4:00 बजे उसकी तबीयत खराब हो गई।जिसके बाद साथी द्वारा सीधे उसे अस्पताल ले जाया गया। जहां उसकी मौत हो गई।जिसकी सूचना कंपनी के लोगों द्वारा दूरभाष पर परिजनों को दी गई।वही कंपनी के लोग शव को भेजने को लेकर राजी नहीं थे।जिसके बाद परिजन घाघरा थाना भी पहुंचे सारी जानकारी दी।इसके बाद इसकी सूचना सीआरपीएफ डीआईजी रविंद्र भगत को भी ग्रामीणों द्वारा दी गई। जिसके बाद सीआरपीएफ डीआईजी रविंद्र भगत द्वारा अथक प्रयास किया गया।प्रसासनिक हस्तक्षेप के बाद 13 सितंबर को होसरी के शव का पोस्टमार्टम के उपरांत कंपनी के मदद से एयर एंबुलेंस से रांची भेजा गया। जिसके बाद गुमला से एंबुलेंस की सुविधा रांची भेजी गई और रांची से उसके शव को घर लाया गया।इसकी घर की स्थिति काफी दयनीय है। वह अकेला कमाने वाली थी घर में सिर्फ बुजुर्ग पिता है पूरी जिम्मेवारी उक्त होसरी का ही कमाने को लेकर थी। इस संबंध में सीआरपीएफ डीआईजी रविंद्र भगत से दूरभाष पर पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मुझे जनप्रतिनिधि और ग्रामीणों द्वारा सूचना मिली इसके बाद मैने कर्नाटक प्रशासन से वार्ता कर शव का पोस्टमार्टम करा कर भेजने की कंपनी द्वारा पहल कराई।वही श्री भगत ने यह भी कहा की क्षेत्र से बच्ची या बच्चा काम करने के लिए दूसरे राज्यों में जाते हैं।तो निश्चित तौर पर श्रम विभाग कार्यालय में जाकर अपना रजिस्ट्रेशन जरूर कराए । ताकि उनके बच्चे और बच्ची किस जगह पर काम करने जा रहे हैं। इसकी समुचित जानकारी हो सके।