मंदिरों में झूलन लगाकर श्रीकृष्ण और राधा की भक्तिभाव से पूजा-अर्चना की गई
लोहरदगा । श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर सोमवार को जिले भर में हर्षोल्लास के साथ नंदलाल का जन्मोत्सव मनाया गया। मंदिरों में झूलन लगाकर श्रीकृष्ण और राधा की भक्तिभाव से पूजा-अर्चना की गई। जन्माष्टमी के मौके पर राधे-कृष्ण की स्तुति में शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के लोग लीन रहे। शहरी क्षेत्र के पावरगंज चौक स्थित देवी मंदिर, वीर शिवाजी चौक स्थित दुर्गा मंदिर, तेतरतर, गायत्री मंदिर, ठाकुरबाड़ी मंदिर, जग्रन्नाथ महाप्रभु मंदिर, तिवारीदूरा मंदिर सहित विभिन्न मठ-मंदिरों में जन्माष्टमी के मौके पर विशेष पूजा अनुष्ठान का आयोजन किया गया। वीर शिवाजी चौक स्थित दुर्गा मंदिर और पावरंगज देवी मंदिर में पूरे भक्तिभाव के साथ भगवान की आराधना की गई। शहर के पावरगंज देवी मंदिर, अखंड हरिकीर्तन, पूजा-अर्चना और धार्मिक अनुष्ठान के आयोजन से पूरा वातावरण भक्तिमय नजर आ रहा था। हर कोई राधा-कृष्ण की भक्ति में लीन था। सुबह से ही पूजा-अर्चना के लिए मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी थी। इनमें महिलाओं और किशोरियों की संख्या सबसे ज्यादा थी। हर कोई हरे राम, हरे कृष्ण, राधा-राधा हरे-हरे के जयकारे लगा रहा था, जिससे मंदिर गूंज रहे थे।
कान्हा की भक्ति में डूबे गांव और शहर
लोहरदगा। गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो, गांव से लेकर शहर के गलियारों तक हर तरफ तक कण कण में श्रीराधे गोविंद की गूंज थी. छोटे-छोटे बच्चे कहीं कान्हा बने थे, तो कहीं पालने की व्यवस्था की गयी थी. कहीं वृंदावन की छटा बिखर रही थी, तो कहीं कन्हैया की रासलीला. भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में गांव से लेकर शहर तक न सिर्फ राधे गोविंद की गूंज रही, बल्कि पूरा जिला गोविंद की भक्ति में रंगा रहा.
कैमो पतराटोली में विशेष पूजा अर्चना हुई
लोहरदगा। योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की धूम सोमवार को शहर और ग्रामीण इलाकों में छाई रही। स्थानीय राधा कृष्ण मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ सुबह से योगेश्वर श्रीकृष्ण के दर्शन और पूजा अर्चना के लिए उमडनी शुरू हो गई थी। श्री कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर कैमो गांव में आयोजित होने वाले कृष्ण जन्म उत्सव का आयोजन आकर्षक ढंग से की गई। कैमो गांव में स्थापित सरना माता मंदिर में पूजा अर्चना के बाद भगवान श्रीकृष्ण की आराधना में श्रद्धालु डूबते चले गए। इस दौरान कैमो गांव कृष्ण की भक्ति में लीन मथुरा में तब्दील हो गया। इस मौके पर सरना और सनातनी धर्मावलंबी महिलाओं ने विशाल कलश यात्रा निकाली। सरना माता और भगवान श्री कृष्ण का जय घोष करते हुए मंदिर के निकट स्थित धर्मदाड़ी से जल लिया गया। वैदिक और सरना विधि से पुरोहितो ने धर्मदाड़ी से पूजन अर्चना किया। इसके बाद मंदिर परिसर में भगवान श्री कृष्ण का झूला स्थापित कर सामूहिक हवन और प्रवचन मध्य रात्रि तक चला। मान्यता है कि कैमो क्षेत्र में जन्माष्टमी के दिन कृष्ण के रूप में किसी न किसी परिवार में बच्चे का जन्म होता है। इस आस्था और विश्वास से ग्रामीण क्षेत्र में शहरी क्षेत्र से श्रद्धालू कैमो गांव जन्माष्टमी के मौके पर खींचे चले जाते हैं। लोगों ने भक्ति भाव के साथ बाल गोपाल की स्तुति की। कई स्थानों पर भगवान की झांकी भी निकाली गई।