दुषित पानी उपयोग करने को मजबूर बिरहोर परिवार, स्वच्छता अभियान को दिखा रहा आईना
न्यूज स्केल संवाददाता
मयूरहंड(चतरा)। जिले के मयूरहंड प्रखंड अंतर्गत करमा में लगभग चालिस घर आदिम जनजाति बिरहोर परिवार निवास करते हैं। उन परिवारों को दुषित जल जमाव के पास से पेयजल लेने को मजबूर हैं। जिसका बिरहोर परिवारों के स्वास्थ्य पर प्रतिकुल असर पडने के साथ बच्चे कुपोषण का शिकार हो रहे हैं। बिरहोर टोला में जलनल योजना के तहत सोलर संचालित टंकी लगाकर घर-घर शुद्ध पेयजल आपूर्ति के लिए नल लगाया गया है। लेकिन ना तो जल जमाव से बचाव के लिए कोई समुचित व्यवस्था की गई है और ना हीं पनसोखा निर्माण किया गया है। जिसके कारण नल के समीप गंदगी का अंबार लगा हुआ है। परंतु लचार लोगों का दुख दर्द सुनने वाला ना तो सरकारी महकमे के जिम्मेदार पदाधिकारी और ना हीं जनता द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधि हैं। ऐसे में आदिम जनजाति परिवार बेबसी के हालात में गंदगी भरे आलम में हीं पेयजल लेने व जीवन यापन करने को मजबूर हैं। जिला व प्रखंड प्रशासन के साथ जनप्रतिनिधियों ने स्वच्छता पखवाडा के नाम पर केवल हांथों में लंबा लंबा झाडू लेकर खुब फोटो खिचवाकर अपनी पीठ सरकार से थपथपवाया। पर जमीनी हकिकत कुछ और ब्यां कर रही है और स्वच्छता को आईना दिखा रही है।