*मोटर दुर्घटना से संबंधित मामलों को लेकर मॉनिटरिंग कमेटी की बैठक आयोजित हुई*
झारखण्ड/गुमला -सर्वोच्च न्यायालय द्वारा I.A No.71387 / 2023 W.P.(C)295 / 2012 में पारित दिशा निर्देश के अनुसरण में मोटर दुर्घटना से संबंधित मामलों को लेकर मॉनिटरिंग कमेटी की एक बैठक रामकुमार लाल गुप्ता अवर न्यायाधीश सह सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार गुमला की उपस्थिति में उनके चेंबर में की गई ,जिसमें डीएसपी बीरेंद्र टोप्पो तथा अनुमंडल पदाधिकारी गुमला उपस्थित थे।बैठक में सचिव ने बतलाया कि अगर किसी व्यक्ति की दुर्घटना किसी वहन से होती है और उस वहन का सत्यापन नहीं हो पता है तो दुर्घटना के तुरंत बाद थाना प्रभारी केस दर्ज करेंगे । केस दर्ज कर अनुसंधान करेंगे एवं एफआईआर होने के एक माह के अंदर अनुसंधान में उस वहन जिससे दुर्घटना कार्य किया गया हो उसका पहचान नहीं होता है तो दुर्घटना में घायल हुए व्यक्ति या मृतक के परिजनों से थाना प्रभारी मुलाकात कर उन्हें मुआवजा के लिए आवेदन के लिए प्रेरित करेंगे, साथ ही साथ थाना प्रभारी प्रथम दुर्घटना रिपोर्ट दावा जांच अधिकारी के समक्ष प्राथमिकी दर्ज होने के एक माह के अंदर प्रस्तुत करेंगे । अगर दावा जांच अधिकारी के पास घायल व्यक्ति या मृतक के परिजऩों द्वारा मुआवजा हेतु आवेदन प्रथम दुर्घटना रिपोर्ट के प्राप्त होने के एक माह तक प्राप्त नहीं होता है तो दावा जांच अधिकारी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को इस संबंध में अवगत कराएगा तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकार अपने स्तर से उसका दावा जांच आवेदन परिजन से मिल के दिलाएगा । दावा जांच अधिकारी जांच कर क्लेम सेटेलमेंट ऑफिसर के पास जमा करेंगे जो उसका निस्तारण करेंगे । मौके पर अस्थाई लोक अदालत के सदस्य शंभू सिंह,अनुमंडल के सहायक कृष्णनंदन प्रसाद उपस्थित थे ।
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