ईडी ने झारखंड सरकार के मंत्री आलमगीर आलम को किया गिरफ्तार, पीएस के नौकर के घर मिला था नोटों का जखीरा

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दुसरे दिनभर पूछताछ के बाद शाम को किया गिरफ्तार, गिरफ्तार आरोपितों और गवाहों ने मामले में किया था खुलासा

न्यूज स्केल डेस्क
रांची। बुधवार को टेंडर कमीशन घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत अनुसंधान कर रही ईडी ने संसदीय कार्य मंत्री सह ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री आलमगीर आलम को गिरफ्तार कर लिया। दुसरे दिनभर चली पूछताछ के बाद शाम लगभग 6:30 बजे ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया। गुरुवार को गिरफ्तार मंत्री को पीएमएलए कोर्ट में प्रस्तुत किया जाएगा, जहां से ईडी उन्हें रिमांड पर लेने के लिए आग्रह करेगी। मंत्री आलमगीर आलम पर ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं के टेंडर में कमीशन वसूलने का आरोप है। ईडी ने जांच में उनके विरुद्ध भारी मात्रा में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला पकड़ा, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया है। ज्ञात हो कि टेंडर कमीशन घोटाले में नौवीं गिरफ्तारी है मंत्री आलमगीर आलम की। पूर्व में उनके निजी सचिव, पूर्व मुख्य अभियंता सहित आठ गिरफ्तारी हो चुकी है। बिते छह मई को उनके निजी सचिव संजीव लाल तथा उनके नौकर जहांगीर आलम की गिरफ्तारी के बाद से ही विभागीय मंत्री आलमगीर आलम की गिरफ्तारी की आशंका थी। संजीव लाल व जहांगीर आलम 18 मई तक ईडी की रिमांड पर हैं। नौकर जहांगीर आलम के हरमू रोड स्थित फ्लैट से कुल 32 करोड़ 20 लाख रुपये बरामद किए गए थे। जबकी उनसे जुड़े ठिकानों से करीब छह करोड़ रुपयों की बरामदगी हुई थी। पूर्व में गिरफ्तार आरोपियों व गवाहों ने पूछताछ में ईडी के समक्ष स्वीकार किया था कि ग्रामीण विकास विभाग में नीचे से ऊपर तक के अधिकारियों में टेंडर कमीशन का पैसा बंटता था। संजीव लाल व जहांगीर आलम के ठिकानों से बरामद रुपयों में अधिकतर रुपये मंत्री आलमगीर आलम के बताए गए हैं। पूछताछ में पुष्टि के बाद ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया है।

मंत्री से संजीव लाल के सामने हुई थी पूछताछ

मंगलवार को ईडी ने मंत्री आलमगीर आलम से करीब 10 घंटे तक पूछताछ की थी। इस दौरान ईडी ने पहले से रिमांड पर लिए उनके निजी सचिव संजीव लाल व नौकर जहांगीर आलम के सामने ही मंत्री आलमगीर आलम को बैठाकर उनसे पूछताछ की थी। ईडी ने मंत्री को मंगलवार की रात करीब साढ़े आठ बजे इस वादे के साथ छोड़ा था कि अभी पूछताछ पूरी नहीं हुई है, उनसे बुधवार को भी पूछताछ होगी। साहिबगंज के बड़हरवा में टेंडर विवाद मामले में मारपीट का एक केस 22 जून 2020 को दर्ज हुआ था। जिसमें मुख्य आरोपी राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के अलावा तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बरहेट विधानसभा के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा, तपन सिंह, दिलीप साह, इश्तखार आलम, तेजस भगत, कुंदन गुप्ता, धनंजय घोष, रांजीव रंजन शर्मा, संजय रमाणी, टिंकू रज्जक अंसारी व अन्य अज्ञात थे। वही प्राथमिकी दर्ज होने के महज 24 घंटे के अंदर 23 जून 2020 को बिना विधिवत अनुसंधान के तत्कालीन बड़हरवा एसडीपीओ प्रमोद कुमार मिश्रा ने मंत्री आलमगीर आलम व पंकज मिश्रा को क्लीन चिट दे दिया था। इसी केस को आधार बनाकर ईडी ने एक ईसीआइआर दर्ज किया था, जिसमें छानबीन के बाद ईडी ने 1250 करोड़ के अवैध पत्थर खनन का मामला पकड़ा था। जिसमें भी मंत्री आलमगीर आलम ईडी की रडार पर थे। इसी बीच टेंडर कमीशन घोटाले का दूसरा मामला सामने आया, जिसमें मंत्री की गिरफ्तारी हुई है।

अब तक टेंडर कमीशन घोटाले में कुल गिरफ्तार इस प्रकार

ग्रामीण कार्य विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम, उनका भतीजा आलोक रंजन, वीरेंद्र राम के चार्टर्ड अकाउंटेंट मुकेश मित्तल के सहयोगी हरीश यादव, उनके सहयोगी नीरज मित्तल, रामप्रकाश भाटिया, तारा चंद, मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल, संजीव लाल के नौकर जहांगीर आलम व अब मंत्री आलमगीर आलम।

दस दिनों में कहां कितने रुपये बरामद किए गए

मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल के घरेलू नौकर जहांगीर आलम के फ्लैट से 32.20 करोड़ रुपये। संजीव लाल के करीबी बिल्डर मुन्ना सिंह के घर से 2.93 करोड़ रुपये। सहयोगी ठेकेदार राजीव सिंह के सिंहमोड़ हटिया स्थित आवास से 2.14 करोड़ रुपये। संजीव लाल के एक अन्य ठिकाने से 10 लाख रुपये। संजीव लाल के प्रोजेक्ट भवन स्थित कार्यालय से 1.75 लाख रुपये नए नोट व 28 हजार पुराने नोट बरामद किए गए।