Patthalgada/Chatra: रांची विश्वविद्यालय की टीम ने ओबरा खुदाई स्थल का किया निरीक्षण, पत्रकार जीतेंद्र तिवारी ने लेंबोईया के पौराणिक, धार्मिक महत्व व यहां की कलाकृतियों की दी जानकारी

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रांची विश्वविद्यालय की टीम ने ओबरा खुदाई स्थल का किया निरीक्षण, पत्रकार जीतेंद्र तिवारी ने लेंबोईया के पौराणिक, धार्मिक महत्व व यहां की कलाकृतियों की दी जानकारी

पत्थलगडा(चतरा)। सोमवार को रांची विश्वविद्यालय की एक टीम पत्थलगडा प्रखंड अंतर्गत सिंघानी पंचायत के ओबरा खुदाई स्थल का निरीक्षण किया। टीम के सदस्यों ने प्रखंड के ओबरा मेगालिथ स्थल, पर्यटन स्थल लेंबोईया पहाड़ी और बलबल गर्मकुंड स्थल का निरीक्षण किया और यहां के इतिहास की जानकारी ली। पुरातत्व और संग्रहालय विज्ञान स्कूल रांची विश्वविद्यालय के 24 सदस्यीय दल सोमवार को डॉ. अलखदेव प्रसाद श्रीवास्तव, संजय कुमार तिर्की, केशव चंद श्रीवास्तव, सुनिता पांडेय के नेतृत्व में पत्थलगडा पहुंचा था। टीम भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग पटना ब्रांच के द्वारा पत्थलगडा के ओबरा में किए जा रहे पुरातात्विक खुदाई की जानकारी अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ. राजेंद्र प्रसाद देहुरी, सहायक पुरातत्वविद ललित आदित्य, हिमांशु व अन्य से ली। मौके पर डॉ. अलख देव श्रीवास्तव ने कहा कि यह जगह काफी प्राचीन है और झारखंड के इतिहास की जानकारी के उद्देश्य से यहां पुरातत्व विभाग की ओर से खुदाई कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि झारखंड में भी हजारों साल से मरने के बाद पत्थर गाड़ने की परंपरा रही है। उस समय के रहन-सहन और संस्कृति की जानकारी व इतिहास के लिए यहां विभाग की ओर से खुदाई कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि पत्थलगडा का इतिहास भी समृद्ध रहा है और काफी प्राचीन है। सदस्यों ने बौद्धिस्ट साइट और उनसे संबंधित कलाकृतियां के बारें में भी जानकारी ली। पत्रकार जीतेंद्र तिवारी ने रांची विवि से आये दल को लेंबोईया के पौराणिक व धार्मिक महत्व व यहां की कलाकृतियों की जानकारी दी।