*गुमला उपायुक्त ने अल्बेंडाजोल व डीईसी की गोली खाकर किया फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम का उद्घाटन* *जिले में 10 से 24 फरवरी तक चलाया जाएगा फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम, जिले के समस्त नागरिकों को खिलाई जाएगी अल्बेंडाजोल एवं डीईसी की दवा*

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गुमला- जिले में शनिवार से फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की शुरुआत हुई। मुख्य कार्यक्रम का आयोजन एसएस+2 बालिका उच्च विद्यालय में किया गया जहां मुख्य अतिथि के रूप में उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी मौजूद रहें। उपायुक्त ने अल्बेंडाजोल व डीईसी की गोली खा कर कार्यक्रम की शुरुआत की। इससे पूर्व उपायुक्त एवं उपस्थित सभी अतिथियों तथा विद्यालय के छात्राओं ने द्वीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया।

*उपायुक्त ने जिले को फाइलेरिया मुक्त बनाने के लिए जिले के सभी लोगों को अनिवार्य रूप से उनके उम्र के हिसाब से अल्बेंडाजोल व डीईसी की गोली खाने की अपील किया।*

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डीसी ने कहा कि जिले में यह कार्यक्रम 25 फरवरी तक चलाया जाएगा तथा इस कार्यक्रम के तहत जिले भर के लगभग 10 लाख लक्षित जनसंख्या को फाइलेरिया की दवाई खिलाई जाएगी जिसके लिए स्वास्थ्य कर्मी द्वारा 10 एवं 11 फरवरी को बूथों पर रहकर लोगों को दवा खिलाएंगें। जबकि 12 से 25 फरवरी को स्वास्थ्य कर्मी डोर टू डोर जाकर लोगों को दवा खिलाएंगें इसके अलावा सभी विद्यालयों में भी विद्यार्थियों को दवा खिलाई जाएगी। उपायुक्त ने जिले को फाइलेरिया मुक्त बनाने के लिए जिले के सभी लोगों को अनिवार्य रूप से उनके उम्र के हिसाब से अल्बेंडाजोल व डीईसी की गोली खाने की अपील किया। उन्होंने कहा कि यह दवा पूर्ण रूप से सुरक्षित है। उन्होंने वहां उपस्थित सभी विद्यार्थियों को उनके आयु अनुसार अल्बेंडाजोल एवं डीईसी की दवाई खाने तथा यह दवाई अपने परिवार जनों तथा दोस्तो को भी खिलाने के प्रति प्रेरित किया।

*लगातार पांच वर्षों तक एक बार अल्बेंडाजोल व डीईसी की दवा सेवन करने के बाद लोग फाइलेरिया से बच सकते हैं*
एनवीबीडी सलाहकार शर्मिला शर्मा ने कहा कि फाइलेरिया एक लाइलाज बीमारी है, जिसे हांथी पांव के नाम से भी जाना जाता है।यह असाध्य रोग मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है।अगर यह मच्छर किसी फाइलेरिया ग्रसित व्यक्ति को काटने के बाद स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो फाइलेरिया के रोगाणु उस व्यक्ति के खून में प्रवेश कर जाता हैं। लोगों को तुरंत इसका लक्षण दिखाई नहीं पड़ता है। इसके लक्षण उभरने में पांच से पंन्द्रह वर्षों का समय लग जाता है। यह बीमारी शरीर में पैर,हाथ,मुंह, हाइड्रोसील एवं स्तन पर गहरा प्रभाव डालता है। इन अंगों में अत्यधिक सूजन आ जाता है। जिसके कारण ग्रसित व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रूप से संकुचित और परेशान रहने लगता है। लगातार पांच वर्षों तक एक बार अल्बेंडाजोल व डीईसी की दवा सेवन करने के बाद लोग इस लाइलाज बीमारी से बच सकते हैं। किसी भी व्यक्ति को दवा खाने के प्रति कोई लापरवाही नहीं बरतना चाहिए।

*2 वर्षों से लेकर 60 वर्षों की आयु तक के सभी व्यक्ति कर सकते हैं दवाई का सेवन* ।

ज्ञात हो कि फाइलेरिया मुक्ति हेतु अल्बेंडाजोल एवं डीईसी की दवाई स्वास्थ्य कर्मियों एवं आंगनवाड़ी की दीदियों के द्वारा सभी को खिलाई जाएगी। उक्त दवाई का सेवन 2 वर्षों से लेकर 60 वर्षों की आयु तक के सभी व्यक्ति कर सकते हैं । 2 वर्षों से कम उम्र के बच्चों , गर्भवती महिलाओं एवं गंभीर बीमारी से ग्रसित मरीज इस दवाई का सेवन नहीं करेंगे। 15 वर्ष से ऊपर के व्यक्तियों को 3 अल्बेंडाजोल एवं 1 डीईसी की गोली का सेवन करना है वहीं 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को केवल 2 अल्बेंडाजोल एवं 1 डीईसी की दवा का सेवन करना होगा । इसके अलावा उक्त दवा का सेवन खाली पेट नहीं किया जाना चाहिए।

कार्यक्रम में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से भी बच्चों को फाइलेरिया उन्मूलन के संबंध में जागरूक किया गया। इससे पूर्व विद्यालय के छात्राओं द्वारा उपायुक्त का पारंपरिक गीत गाकर स्वागत किया गया एवं उपायुक्त के बेहतर स्वास्थ्य की कामना भी की।

*उपस्थिति*
इस दौरान कार्यक्रम में मुख्या रूप से सिविल सर्जन गुमला डॉ. राजू कच्छप, एसीएमओ डॉ. पी. के सिन्हा, विद्यालय के प्रधानाध्यापक, शिक्षक, स्वास्थ्य कर्मी सहित विद्यालय के सभी विद्यार्थी सहित अन्य संबंधित अधिकारी एवं कर्मी मौजूद थे।