समय से पूर्व विद्यालय से गायब हो जाते हैं शिक्षक, बंद हो जाता है विद्यालय, मध्याह्न भोजन में भी बरती जाती है अनियमितता

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बच्चों के थाली से अंडा व फल गायब, शिक्षकों का कट रहा है चाँदी

न्यूज स्केल संवाददाता, अजित कुमार यादव
कुंदा(चतरा)। एक तरफ जहाँ सरकार शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए लाखों खर्च कर रही है तो वहीं दूसरी ओर विद्यालय के शिक्षक ही इस सपने को चकनाचूर कर रहे हैं। गांव के बच्चे की बेहतर शिक्षा गांव में हीं मिले इसे लेकर सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। लेकीन इसी सपने को चकनाचूर व शिक्षा व्यवस्था को ईन विद्यालयो के शिक्षक ही चौपट कर रहे हैं। दरअसल प्रखंड के एनपीएस कोजरम, यूपीएस बल्ही में शिक्षक की घोर लापरवाही देखी गई। यहां के शिक्षक सरकारी मापदंड को ताक पर रख विद्यालय का संचालन कर रहे हैं। यहाँ तक की बच्चों को विद्यालय व शिक्षक का नाम तक मालूम नहीं है, जबकी मेन्यू के आधार पर बच्चों को दी जाने वाली भोजन में थाली से अंडा व फल गायब हैं।अब ऐसे में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की परिकल्पना कैसे कर सकते हैं अब ऐसी शिक्षा व्यवस्था को गुणवत्ता पूर्ण कैसे काहा जा सकता है। वही शुक्रवार को यूपीएस बल्ही की शिक्षक समय से पूर्व विद्यालय में ताला लगाकर नदारद थे। यानी कहे तो सरकार से वेतनमान के रूप में गुरू जी मौज का वेतन उठा रहें हैं। अब शिक्षा की गुणवत्ता की क्या बात की जाय, जहाँ बच्चों को न विद्यालय, न शिक्षक का नाम तक मालूम हो। वैसे शिक्षक पर शिक्षा विभाग क्या कुछ कार्रवाई करती है जो बच्चे के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं। पढ़ने वाले बच्चे ने बताया कि यहां के मास्टर साहब महीना में पांच दिन ही स्कूल खोलते हैं। यहाँ महीनों से मध्याह्न भोजन बन्द है। ग्रमीणों ने बताया कि अगर यहां गुणवत्तापूर्ण पढाई होती तो बच्चो को किस लिए बाहर भेजते। अब देखना होगा की विभाग लापरवाह शिक्षक पर कार्रवाई करती है या सिर्फ कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति करती है। वही प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी संतोष कुमार सिंह ने पूछे जाने पर बताया कि आपलोग शिक्षक को सहयोग करिए।