पिछले वर्ष की भातीं इस वर्ष भी मार्खम महाविद्यालय का नहीं खुल रहा है कल्याण विभाग का पोर्टल। छात्र मोर्चा के पहल पर पूर्व में भी खुलवाया गया था पोर्टल

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महाविद्यालय को नहीं है छात्रों की चिंता नहीं करवाया है मैपिंग।

न्यूज़ स्केल ब्यूरो आशीष यादव

हज़ारीबाग

झारखण्ड मुक्ति मोर्चा छात्र संघ का प्रतिनिधिमंडल ने कल्याण विकास पदाधिकारी कार्यालय में मार्खम महाविधालय की समस्या को अगवत करवाया। झारखंड सरकार के द्वारा स्कॉलरशिप ई कल्याण 10/03/2023 को जारी किया गया था। जिसमें मार्खम कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स हजारीबाग ई कल्याण पोर्टल बंद होने के बावजूद सैकड़ों छात्र छात्राओं को बोनाफाईड जारी कर दिया गया है। पोर्टल बंद होने के कारण सभी छात्र निराश हो कर लौट रहे हैं। वहीं इन समस्या को ले कर ई कल्याण पदाधिकारी से बात करने पर कल्याण पदाधिकारी ने कहा की मार्खम कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स में स्कॉलरशिप के लिए मैपिंग नहीं हुआ है इसको जल्द से जल्द शुरू किया जायेगा । और इस साल का 11/02/2024 के लिए ई कल्याण पोर्टल बंद पड़ा है ।

विश्विद्यालय अध्यक्ष चंदन सिंह ने कहा कि मार्खम महाविधालय छात्र छात्राओं को सरकार के द्वारा दिए जाने वाले ई कल्याण स्कॉलरशिप से वांछित कर रही है,गरीब आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों का स्कॉलरशिप मिलने से पढ़ाई में एक उम्मीद की किरण जागती है और कॉलेज प्रशासन इसको भी नज़र अंदाज कर रही है वैसे में छात्रों को परेशान करना जायज नहीं,पूर्व में भी इस संबंध में वार्ता की गई थी फिर भी समय पर नहीं खुल रहा है पोर्टल।

महाविधालय अध्यक्ष इमरान खान ने कहा कि मार्खम कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स में ग्रामीण इलाकों और आर्थिक स्थिति से कमज़ोर परिवार के बच्चे पढ़ने आते है। सरकार द्वारा स्कॉलरशिप ई कल्याण का लाभ ले कर छात्र छात्राओं की पढ़ने की उम्मीद होती हैं लेकिन महाविधालय की लापरवाही बरतने से मार्खम कॉलेज के लिए ई कल्याण पोर्टल बंद है सैकड़ों छात्र हर दिन निराश हो कर वापस लौट रहे हैं। कॉलेज प्रशासन नींद में है अभी तक ई कल्याण नोटिफिकेशन होते ही कॉलेज को मैपिंग के लिए करना होता है। लेकिन कोई अपना कर्तब नहीं निभा रहा हैं। क्या छात्र नेता कॉलेज प्रशासन को हर बात, चीज के लिए जानकारी देंगे तब काम होगा । अगर किन्हीं कारणों से ई कल्याण का डेट वृद्धि नहीं हुआ और मार्खम महाविधालय के बच्चे ई कल्याण स्कॉलरशिप का लाभ नहीं उठा सके तो इसका जवाब देही कौन होगा । अत्यंत पिछड़ा वर्ग में शामिल होता जा रहा है विश्विद्यालय और महाविद्यालय कोई पदाधिकारी अपना जिम्मेवारी नहीं निभा रहे हैं। छात्र का कोई मतलब नहीं है जिस बच्चे को शिक्षा देने पर सैलरी मिलता है उससे ही स्कॉलरशिप के लिए तरसना पड़ता है।