*प्रजापति ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय गुमला शाखा द्वारा राममंदिर एवं प्राण प्रतिष्ठा को लेकर कार्यक्रम आयोजित किया गया*

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झारखण्ड/गुमला -प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के पालकोट रोड, गुमला स्थित शाखा में अयोध्या में नवनिर्मित श्री राम मंदिर के प्रान प्रतिष्ठा के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर संस्थान की प्रभारी ब्र.कु. शांति दीदी ने सूराज से रामराज्य विषय पर संबोधित करते हुए कहा कि जब प्राचीन भारत के तीर्थ का उल्लेख होता है, तब उसमें सर्वप्रथम अयोध्या का ही नाम आता है। भगवान श्री राम की जन्म भूमि अयोध्या की संस्कृति को जन-जन तक पहुंचाने की अयोध्या महोत्सव की मुहिम जारी है। हमें रामराज की स्थापना में सहयोग करना है तो हमें त्याग तपस्या स्नेह के साथ सकारात्मक का ध्यान रखना आवश्यक है। जैसे हीरा कोयले की खान में मिलता है, कोई हीरा ढूंढने जाता है तो वह कोयले के कालेपन को नहीं देखता बल्कि उसकी चमक पर उसका ध्यान रहता है। तब वह हीरा को ढूंढ पाता है ।सामान्य व्यक्ति अगर ढूंढने जाए तो उसे उसकी चमक दिखाई नहीं पड़ती। चारों तरफ से काला ही काला नजर आता है। इसीतरह हमें भी समाज में सकारात्मक दृष्टिकोण रखने की आवश्यकता है। और हमें नकारात्मकता को अपने जीवन में स्थान नहीं देना चाहिए, नहीं तो हमारे मन में गुस्सा ,चिड़चिड़ापन, दूसरे पर उंगली करना इत्यादि अवगुण समाये रहते हैं। परिणाम स्वरूप हमें हीरे की परख नहीं हो पाएगी। इसलिए इन सद्गुणों के द्वारा ही हमें व्यावहारिक कुशलता लानी है। यदि किसी प्रकार का नेगेटिव दिखाई भी पड़ता है तो हमें उसे समझ कर सकारात्मक की तरफ बढ़ना चाहिए। इन्हीं सद्गुणों के माध्यम से हम रामराज की कल्पना को साकार कर पाएंगे। उपस्थित संस्थान के सभी भाई बहनों ने राम राज्य की कल्पना को साकार करने के लिए स्वयं के अंदर सदगुण को धारण करने का संकल्प किया।