हजारीबाग जिले के उत्पादित कोयलो की चतरा की सार्वजनिक सड़को से  हो रही ढुलाई, अधिकारी बने है मूकदर्शक

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 हजारीबाग जिले के उत्पादित कोयलो की चतरा की सार्वजनिक सड़को से  हो रही ढुलाई, अधिकारी बने है मूकदर्शक

उपायुक्त अबु इमरान ने कहा आम लोगो के हित में लिया जाएगा निर्णय

टंडवा(चतरा)। टंडवा प्रखंड की सार्वजनिक व लाइफलाइन सड़क  कोयला ट्रांसपोर्टिंग सड़क बन गया है, उक्त सड़क से दिन रात एनटीपीसी के चट्टीबारियातू एवं सीसीएल के मगध आम्रपाली, पिपरवार कोल परियोजना से कोयला ढुलाई की जा रही है। जिससे अमलोगो को धूल कण व कोयले के उड़ते पाउडर से चलना मुश्किल हो गया है।कोयला लदे  हाईवा वाहनों की परिचालन से सड़के रक्तरंजित होती रही है।बावजूद जिले के संबंधित अधिकारियों की आंख नहीं खुलती है। पिछले कई महीने से हजारीबाग जिले की चट्टीबारियातू कोल माइंस से उत्पादित कोयला टंडवा की सड़को से ढुलाई  हो रही है ।चट्टीबारीयातु माइंस  से उत्पादित कोयला टंडवा सिमरिया भाया चतरा होते हुए कटकमसाड़ी रेलवे साइडिंग,आम्रपाली से सीएचपी पिपरवार एवं एनटीपीसी प्लांट पहुचाई जा रही है।इस कार्य में पीएनबी, एके लोजेस्टिक, जय अम्बे, आरकेटीसी ट्रांसपोर्ट कंपनी समेत अन्य शामिल है। इन ट्रांसपोर्ट कंपनियों  की ट्रांसपोर्टिंग किए जाने से  जिले की हर पब्लिक सड़क  दुर्घटना जोन बन गया है। प्रतिदिन कोयला वाहनो से दुर्घटनाएं घट रही और सड़के लाल हो रही है। पब्लिक सड़क पर कोयला वाहनों का परिचालन से हजारों लोग दुर्घटनाओं का शिकार हुए है।सैकड़ों महिलाएं असमय विधवा तो बच्चे अनाथ हुए है।सैकड़ों वृद्ध मां बाप बेटे का गम नही भुला पा रहे है। जहा चतरा की सड़को पर मगध आम्रपाली,पिपरवार , पूर्णाडीह कोल परियोजनाओं का बोझ सहन नही कर पा रहा है।इसके बावजूद हजारीबाग जिले की चट्टी बरियातू कोल माइंस से  उत्पादित कोयला का निर्बाध ढुलाई हो रहा है।  कोयले की ढुलाई से आम राहगीरों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। चतरा की सड़क पर घर से  कोई निकलता है तो कब उसे हाइवा अपने चपेट आ जाएगा पता नही होता है । इस मामले में चतरा उपायुक्त अबू इमरान से पूछे जाने पर बताया कि मामले की जानकारी नहीं है।इसकी जांच कर ग्रामीणों के हित में निर्णय लिया जाएगा।