वन पट्टा के नाम पर अवैध वसूली, सरकारी कमेटी में ही कर दी सेंधमारी, गाय बकरी बेंचकर लोग दे रहे हैं पैसे
चतरा। वन पट्टा के नाम पर मयूरहंड प्रखंड क्षेत्र के मजदूरी करने वाले गरीबों को गुमराह कर अवैध वसूली का कार्य इन दिनों धडल्ले से किया जा रहा है। जिसका मुक्तभोगी मंधनियां पंचायत के गरीब भी हो चुके हैं। इसके विरोध में मंधनियां पंचायत के सैकड़ो आक्रोशित ग्रामीणों नें मुखिया की उपस्थिति में बैठक किया। आक्रोशित ग्रामीणों नें कहा कि बीडीओ के आदेशानुसार पंन्द्रह सदस्यीय वन अधिकार समिति का गठन किया जाना है। जिसके तहत मुखिया दहनी देवी की उपस्थिति में मंधनियां में कमेटी का गठन भी हो चुका है। लेकिन कमेटी गठन होने की भनक लगते ही झारखंड जंगल बचाओ आंदोलन समिति नामक एनजीओ की कार्यकर्ता विनीता देवी मंधनियां गांव पहुंचकर ग्रामीणों के साथ बैठक कर उन्हें गुमराह करते हुए कहा कि जो लोग वन विभाग के जमीन को कब्जा करके रखे हैं अगर वे तीन-तीन हजार रुपये देते हैं तो उन्हें मैं सरकार से वन पट्टा दिलाऊंगी। जागरूकता की कमी के कारण गरीब ग्रामीण झांसे में पड़कर अवैध वसूली केा शिकार हो रहे हैं। ग्रामीण 55 वर्षीय बुजुर्ग रामभगत गंझू ने बताया कि हमें विनीता देवी के द्वारा अजीबो गरीब बात बोलकर इतना डरा दिया गया है की उसे पैसा देने के लिए बकरियों को बेच डाला। अन्य ग्रामीणों नें बताया कि उधार कर्ज लेकर एवं अनाज बेचकर पैसे दिए हैं। वहीं कई ग्रामीण पैसे देने की तैयारी में हैं। मंधनिया निवासी अमीन रंजीत केसरी, लावालौंग निवासी अमीन कुलदीप साहू एवं बरहेद निवासी अमीन राजनाथ गंझू गांव मे बिना जमीन मालिक के सूचना के नापी करके एक-एक हजार रुपये की वसूली कर ली है। इस बावत उक्त तीनों अमीनों से पूछे जाने पर बताया कि हमें विनीता देवी के द्वारा नापी करने के लिए बोला गया था। हम लोग काम के एवज में अपना मजदूरी ग्रामीणों से लिए हैं। मौके पर मुखिया पति भोलाराम ने कहा कि गरीब ग्रामीणों को गुमराह करने वाले एनजीओ कार्यकर्ता एवं उक्त अमीनो पर सख्त से सख्त कार्रवाई किया जाएगा। इधर सूचना पर बीडीओ विपिन कुमार ने कहा कि शिकायत ग्रामीणों के द्वारा की जाती है तो अवैध वसूली करने वाले लोगों पर एफआईआर करके उन्हें जेल भेजूंगा। उक्त विषय पर विनीता देवी ने पूछे जाने पर उसने धड़कते हुए कहा कि काम करते हैं तो पैसा लेते हैं और जिसे जो करना है कर ले मैं कोई सरकारी नौकर नहीं हूं की नौकरी से सस्पेंड हो जाऊंगी। तीन साल से एनजीओ मुझे पैसा नहीं दिया है तो क्या भूखे पेट रहकर किसी के बाप का काम करूंगी।