टंडवा (चतरा) सीसीएल के आम्रपाली कोल परियोजना में इन दिनों रोजी – रोजगार के मुद्दे पर जोरदार आंदोलन की पृष्ठभूमि तैयार की जा रही है।बताया जा रहा है कि कोल खनन कार्य का ठेका धारक बीएलए ज्वाइंट वेंचर कंपनी पिछले आठ वर्षों से कार्यरत लगभग 650 विस्थापित ग्रामीण ठेका मजदूरों का नियोजन करने में टाल मटोल कर रही है जिससे लोगों में भारी आक्रोश है। श्रमिक बीएलए कंपनी व परियोजना प्रबंधन पर बार -बार झूठा आश्वासन देकर गुमराह करने के आरोप लगा रहे हैं। एएमपीएल – एमआइपीएल – जीसीएल नामक ज्वाइंट वेंचर का खनन ठेका समाप्त होने के बाद श्रमिकों को काम से निकाले जाने पर उन्हें जीविकोपार्जन की चिंता सता रही है। विदित हो कि श्रमिकों द्वारा पिछले महीने हीं तीन दिवसीय धरना- प्रदर्शन करने के बाद 25 सितंबर को परियोजना प्रबंधन, ठेका धारक बीएलए प्रबंधन, पुलिस प्रशासन तथा ग्रामीणों व प्रतिनिधियों की मौजूदगी में 291 तत्काल व कुल 650 श्रमिकों का यथावत समायोजन करने की सहमति बनी थी। जिसके आधार पर 11,13 व 17 अक्टूबर को किया गया प्रयास विफल होने पर 23 अक्टूबर से हीं अनिश्चितकालीन हड़ताल पर अड़े थे जिसे परियोजना प्रबंधन के आग्रह पर स्थगित कर दिया गया। पूछे जाने पर मजदूर कल्याण संघ के महामंत्री रमेश वर्मा ने बताया कि ठेका धारक बीएलए कंपनी को हर हाल में मजदूरों का नियोजन करना हीं होगा। वहीं आशुतोष मिश्रा ने कहा कि विस्थापित -प्रभावित क्षेत्र में श्रमिक परिवारों की संख्या लगभग नौ सौ है। वृहद आंदोलन की जायेगी।
पूर्व श्रम नियोजन मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने मजदूरों के प्रस्तावित आंदोलन का किया समर्थन
उक्त मामले में झारखंड सरकार के पूर्व श्रम नियोजन मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने दूरभाष पर प्रस्तावित आंदोलन का समर्थन देते हुवे कहा कि परियोजना क्षेत्र में प्रवासियों को रोजगार मिले और विस्थापित परिवार अन्यत्र पलायन के लिये मजबूर हों ये अब कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। श्रमिकों के साथ वे सदैव खड़े रहेंगे।








