मैंने प्रशासन की बात रखी इसलिए मुझे पुरस्कृत किया जाएगा: संवेदक फिरोज
गुमला: केंद्र कमेटी विजिट करेंगे ग्राम पंचायत बसुवा में आयुष्मान आरोग्य केंद्र एवं ग्राम सचिवालय का पंद्रहवें वित्त मुखिया फंड से आनन-फानन में जो एडवांस काम करें पीसीसी सड़क नाली निर्माण कार्य में उसी का तर्ज पर भ्रष्टाचार चरम पर है नाली का स्लेब में नाम का सरिया लगाकर योजना राशि का एडवांस बुकिंग में संवेदक की मिलीभगत से लूट मची हुई है जी हां यह गुमला जिले के गुमला प्रखंड कार्यालय से कार्य आदेश दिए जाने की बात संवेदक फिरोज मुर्गी विक्रेता ने ताल ठोक कर कह रहे हैं और यह भी कहा है कि यह योजना मुखिया फंड में राशि आने के बाद भूगतान मिलेगा प्रशासन की लाज रखने के लिए यह काम मैंने एडवांस में लेकर तीन दिन में ही वह भी रात में भी काम युद्धस्तर पर कर दिखाया हूं यह काम देखते हुए प्रखंड विकास पदाधिकारी ने पीठ थपथपाई और कहा है कि योजना फंड जारी किए बिना अपना करीब दस लाख रुपए की यह योजना जो मुखिया फंड से आनन-फानन में भागते हुए कराई गई है और बिना फंड के ही प्रशासन को विजिट करने के पूर्व कार्य कराने वाले संवेदक फिरोज को आने वाले समय में प्रशासन द्वारा इनाम दिया जाएगा। यहां बताते चलें कि बसुवा से ग्रामीणों द्वारा यह निर्माण कार्य को लेकर मीडिया से शिकायत करने पर कार्यस्थल पर भौतिक सत्यापन किया गया जहां निर्माण कार्य का बारिकी से निरीक्षण किया गया है जिसमें कमजोर सोलिंग कार्य पीसीसी ढलाई में एवं नाली का स्लैब में नाम मात्र का दिखाने के लिए सरिया लगाकर एवं सिर्फ बांस लगाकर ढलाई करने की बात कही गई। इसकी सत्यता जानने के लिए पंचायत बसुवा के मुखिया गंगा उरांव से उनके आवास पर जाने पर वे नहीं थे और दूरभाष पर सम्पर्क किया गया पर रिसिव नहीं हुआ। वहीं बिना मुखिया फंड में राशि आएं काम करा रहे संवेदक फिरोज ने कहा कि प्रशासन की इज्जत की बात कही गई इसलिए लगा दिया पैसा निकासी भी हो जाएगी बीडीओ ने पीठ थपथपाई है और इंजीनियर मनीष ने मेरे काम को लेकर क्लीन चिट दे दी है। वहीं दूसरी तरफ सैकड़ों ग्रामीणों ने हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन देकर गुमला उपायुक्त को फर्जी ग्राम सभा करा योजना राशि मुखिया संग लूट मचाई जा रही है कहा है। इस प्रकरण को लेकर गुमला बीडीओ ने कहा कि 15 वें वित्त से यह निर्माण किया जा रहा है इससे जगजाहिर साफ है कि गुमला में बिना फंड के दलालों को काम दिया जाता है और बाद में फंड आने पर पैसों की बंदरबांट कर दी जा रही है ऐसा होने से वैसे पोषित दलालों की चांदी कट रही है जो जी हुजूरी में शामिल हैं और ऐसे सरकारी योजनाओं को लेकर घटिया निर्माण कार्य कराने में सफल हो रहें हैं।








