मयूरहंड (चतरा)। मयूरहंड प्रखंड क्षेत्र के पंदनि पंचायत अंतर्गत मायापूर एवं अंबातरी के ग्रामीण आज भी बरसात के दिनों में हाथों में चपल लेकर आवागमन करने को मजबूर हैं। अंबातरी स्कूल से डुमरिया आहर तक एवं मायापूर संजय राणा के घर से सोनपूरा रोड़ जो कई गांवों का आवागमन का मुख्य सड़क है। पर कच्ची सड़क होने के कारण खास कर बरसात के दिनों में आवागमन में ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ग्रामीण मालेश्वर सिंह, नंद किशोर सिंह, काली साव, विनोद भुईयां समेत अन्य ने बताया कि लगभग 50 वर्षों से प्रखंड से लेकर जिले तक के अधिकारियों से उक्त कच्ची सड़क को पक्की सड़क निर्माण की अर्जी लगाने के बावजूद निर्माण नहीं हो पाया। इसके अलावा सांसद व विधायक सभी से अर्जी ग्रामीण किए पर पक्की सड़क निर्माण नहीं हो पायी। अंबातरी अनुसूचित टोला में रहने वाले गूंजराशि भुईयां, उमेश भुईयां, रेखा देवी समेत अन्य ने बताया की कच्चे सड़क होने के कारण बरसात के दिनों में प्रसूति एवं बुजुर्गों को इलाज के लिए ले जाने के लिए खटोलि का उपयोग करना पड़ता है। इतना ही नहीं घर से बाहर जाने के लिए लगभग 1.1 किलोमीटर हाथ में चप्पल एवं पैंट लेकर जाना पड़ता है। किसी तरह चार माह गुजरने का इंतजार वर्षों से ग्रामीण करते आ रहे हैं। मुखिया अजय कुमार भुईयां ने बताया कि जानकारी अनुसार हमारे जन्म से पहले उक्त दोनों सड़क में सरकारी मिट्टी मोरम का कार्य हुआ है। सड़क की लंबाई लगभग 1.1 किलोमीटर की है जो प्रखंड के दूसरे पंचायत को भी जोड़ती है। उक्त सड़क बनाने के लिए संबंधित विभाग को दर्जनों बार पत्राचार के साथ अर्जी लगाए पर कोई असर अधिकारियों पर नहीं हुआ। जिसका वर्षों से खमियाजा आम आवाम को झेलना पड़ रहा है।