मौत के बाद सड़क के अभाव में पोस्मार्टम के लिए कंधे पर 7 किलोमीटर पैदल ले जाना पड़ा

NewsScale Digital
3 Min Read

प्रतापपुर (चतरा)। विकास के नाम पर प्रतापपुर प्रखंड में अब तक करोड़ों रुपए खर्च हो चुके हैं। हर बार दावा किया जाता है कि यह प्रखंड विकास के पथ पर अग्रसर है, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि आज भी दर्जनों गांव मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। प्रखंड के भूगड़ा गांव जैसे दर्जनों गांवों में आज भी आवागमन के लिए पक्की सड़कों का अभाव है। नदियां रास्ते में बाधा बनती है और मजबूरीवश ग्रामीणों को जान जोखिम में डालकर नदी पार करनी पड़ती है। यही नहीं, इन गांवों में गंभीर बीमारी या आपात स्थिति में मरीजों की जान बचाना भी मुश्किल हो जाता है। हाल ही में आईटीआई कॉलेज के पास भूगड़ा गांव में एक बैगा परिवार की महिला की स्थिति गंभीर होने पर उसे समय पर अस्पताल नहीं पहुंचाया जा सका। वहां तक गाड़ी पहुंचने का रास्ता ही नहीं था। अंततः उसकी मौत हो गई। मौत के बाद भी परिजन शव को स्ट्रक्चर पर लगभग 1 किलोमीटर पैदल ले गए, तब जाकर वाहन तक शव पहुंचाया जा सका। 31 जुलाई को जोगियारा पंचायत के कुब्बा गांव में एक 10 वर्षीय बालक की मौत आहार में डूबने से हो गई। पीड़ित परिवार ने स्थानीय मुखिया, ज़िला परिषद सदस्य और प्रशासनिक अधिकारियों से सहायता की गुहार लगाई, लेकिन कोई मौके पर नहीं पहुंचा। कारण वहां पहुंचने के लिए सड़क ही नहीं है। अगले दिन पोस्टमार्टम के लिए शव भेजे जाने के लिए, परिजनों ने पत्थर का कलेजा करके शव को गोद में उठाकर लगभग सात किलोमीटर पैदल यात्रा की, तब जाकर बाबा कुटी से थोड़ा आगे लोहड़ी गाड़ी चार पहिया वाहन तक शव पहुंचाए और पोस्टमार्टम के लिए पुलिस ने भेजा। कुब्बा गांव तक पहुंचने के लिए लोगों को आज भी नदियां पार करनी पड़ती हैं। जिला परिषद भाग 1 के सदस्य के पति संतोष राणा ने बताया कि लगभग दो महीने पहले इसी रास्ते में पड़ने वाली नदी को पार करते वक्त एक महिला तेज बहाव में बह गई थी। लेकिन न तो स्थायी पुल बना, न कोई अस्थाई व्यवस्था की गई। सरकार और प्रशासन का रवैया अब तक उदासीन बना हुआ है। विकास सिर्फ सरकारी फाइलों और बयानों तक सिमट कर रह गया है। कुब्बा और भूगड़ा जैसे सुदूर गांवों तक कम से कम स्थाई मार्ग और पुल का निर्माण हो। सड़क नहीं तो जीवन नहीं, यह कोई नारा नहीं, सच्चाई है। अगर अब भी नहीं चेते, तो अगली मौत किसकी होगी, यह कहना मुश्किल है।

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *