विधायक ने केरेडारी से उत्पादित कोयले की ट्रांसपोर्टिंग टंडवा-सिमरिया मुख्य सड़क से अविलंब बंद करने की मांग, कहा 15 दिनों के अंदर जिला प्रशासन लगाये रोक, वरना हजारों लोगों के साथ सड़क पर होगा प्रदर्शन

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न्यूज स्केल संवाददाता
टंडवा (चतरा)। टंडवा-सिमरिया भाया चतरा मुख्य सड़क से हज़ारीबाग जिले के चट्टी बारियातू परियोजना में उत्पादित कोयले की ट्रांसपोर्टिंग मामले पर सिमरिया विधायक किसुन कुमार दास ने सख्ती रुख अख्तियार कर लिया है। इस मामले को लेकर पत्रकारों से रूबरू होकर जिला प्रशासन को अविलंब 15 दिनों के अंदर रोक लगाने का अल्टीमेटम दिया है। बताया कि कोयले की ट्रांस्पोर्टिंग के नाम पर बड़े पैमाने पर आम लोगों के जानमाल की क्षति हो रही है। स्थिति देखकर लगता है मानों राज्य सरकार के साथ गोरखधंधे में जिले के अधिकारी भी मिले हुवे हैं। वर्ष 2013 से अबतक हजारों लोगों की जिंदगी कोल वाहनों ने छीन ली है। वहीं निजी रूप से समुचित पहल करने की मांग के बावजूद डीसी व एसपी द्वारा कार्रवाई नहीं की गई। हजारों करोड़ रुपए राजस्व संग्रहण के बावजूद मुख्य सड़क को चौड़ा कर तथा कोल वाहनों में अनिवार्य रूप से स्पीड गवर्नर लगाकर अप्रत्याशित दुर्घटनाओं में रोकथाम लगाया जा सकता था, जिसे दरकिनार कर दिया गया है। उन्होंने जिक्र किया कि हज़ारीबाग के तात्कालिक उपायुक्त मुकेश कुमार केरेडारी-बड़कागांव के सड़क से मगध व आम्रपाली के कोयले की ढुलाई पर रोक लगा दी थी। पर ना जाने किस परिस्थिति में केरेडारी का कोयला टंडवा होकर जा रहा है। आखिर इसकी अनुमती क्यों दी गई है? कहा कि जिस प्रकार मगध-आम्रपाली का कोयला केरेडारी-हज़ारीबाग रोड में निरुद्ध किया गया है। उसी तरह केरेडारी के चट्टी-बारियातू का कोयला चतरा के मुख्य सड़क से नहीं जाने दिया जाएगा। 15 दिनों के अंदर चतरा जिला प्रशासन समुचित संज्ञान लेकर पहल नहीं करती है तो भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा जोरदार आंदोलन करेंगे। इस आंदोलन के लिए अगर जेल भी जाना पड़ेगा तो वे तैयार हैं। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से एक मंच पर आने का आग्रह किया।

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