* डीएवी पब्लिक स्कूल गुमला कक्षा दस की छात्रा ताशा झा ने भुवनेश्वर में सबसे कम उम्र की कवियत्री के रूप में वी आर इंडियन गर्ल्स कविता सुनाई सूर्योदय लिटरेरी फाउंडेशन ने प्रस्तुति पत्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया*

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झारखण्ड /गुमला–सूर्योदय लिटरेरी फ़ाउंडेशन द्वारा गीता गोविंद सदन भुवनेश्वर में सूर्योदय शांति सौमित्री सम्मेलन आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में पद्म श्री देवी प्रसन्न पटनायक साहित्य एकेडमी विजेता राजेंद्र किशोर पांडा नेहा भंडारकर सहित कई प्रतिष्ठित कवि उपस्थित थे. यह गर्व की बात है कि झारखंड के प्रतिनिधि के रूप में डीएवी गुमला के शिक्षक अभिजीत झा एवं कक्षा दशम की छात्रा ताशा झा को भी इस कार्यक्रम में आयोजित किया गया था. ताशा ने इस कार्यक्रम की सबसे कम उम्र की कवयित्री के रूप में वी आर इंडियन गर्ल्स कविता सुनाई तो पूरा सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा. ताशा को सूर्योदय लिटरेरी फ़ाउंडेशन की तरफ़ से प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया. मुख्य वक्ता के रूप में श्री अभिजीत झा ने विश्व शांति एवं भाईचारे के लिए साहित्य का योगदान विषय पर अपने विचार रखते हुए कहा कि हिंसा चाहे किसी भी रूप में हो – चाहे वह मानसिक और शारीरिक हो या वाचिक , किसी भी कारण से हो- स्वार्थ के लिए, प्रतिस्पर्धा के लिए, सुरक्षा के लिए- हर स्थिति में यह हमारे मस्तिष्क में चल रहे विचारों का ही प्रतिबिंब है. लेकिन जब हम दिल से सोचते हैं तो सिर्फ़ प्यार और शांति की बात सोचते हैं और एक साहित्यकार दिल से ही सोचता है. साहित्य हमारी भावनाओं की हमारे जज़्बातों कीअभिव्यक्ति है और इसलिए विश्व शांति और सौहार्द की स्थापना में साहित्य का योगदान सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण है. श्री झा को प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया. उन्होंने इस आयोजन के लिए एसएलएफ प्रेसिडेंट प्रशांत कुमार सेठी, वाइस प्रेसिडेंट सुश्री जाह्नवी चौधरी, संस्थापक सह सेक्रेटरी श्री मनोज कुमार पांडा एवं असिस्टेंट सेक्रेटरी सुश्री श्रोतस्विनी परिधा को धन्यवाद दिया है.