न्यूज स्केल शोसल डेस्क
नई दिल्ली। दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर में ब्रिटेन के पधानमंत्री ऋषि सुनक पत्नी अक्षता संग पूजा-अर्चना की। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री श्री सुनक अपनी पत्नी अक्षता मूर्ति के साथ 10 सितंबर दिल्ली को अक्षरधाम मंदिर पहुंचे। स्वामीनारायण मंदिर के मुख्य पुजारी ने दोनों का स्वागत किया, फिर उन्हें मुख्य मंदिर ले जाकर पूजा करवाई। ऋषि और उनकी पत्नी करीब 40 मिनट मंदिर में रहे। उन्होंने मुख्य मंदिर के पीछे स्थित एक और मंदिर में जलाभिषेक किया। उनकी सुरक्षा को लेकर मंदिर के अंदर और बाहर कड़े इंतजाम किए गए थे।
ऋषि सुनक बोले मुझे हिंदू होने पर गर्व है
ऋषि सुनक ने शनिवार 9 सितंबर को अक्षरधाम मंदिर जाने की बात कही थी। न्यूज एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत में उन्होंने कहा मुझे हिंदू होने पर गर्व है। मैं इसी तरह पला-बढ़ा हूं और मैं ऐसा ही हूं। मैंने रक्षा बंधन मनाया था। समय न होने की वजह से मैं जन्माष्टमी नहीं मना पाया था, लेकिन उम्मीद है कि इसकी भरपाई किसी मंदिर में जाने से होगी। यह विश्वास ही है, जो हमें मजबूती देता है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने के बाद ये उनका पहला भारत दौरा है।
ब्रिटेन पीएम ऋषि सुनक और उनकी पत्नी अक्षता पिछले साल जन्माष्टमी के मौके पर लंदन के हर्टफोर्डशायर में भक्तिवेदांता मेनर (कृष्ण मंदिर) गए थे।
ब्रिटिश पीएम स्कूली बच्चों से मिले, पत्नी ने फुटबॉल खेली
जी20 समिट से एक दिन पहले 8 सितंबर को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति ने ब्रिटिश काउंसिल हेडक्वार्टर में एक स्थानीय स्कूल के कुछ बच्चों के साथ कुछ पल बिताए। उनसे बातचीत की और फुटबॉल भी खेली।
कौन है ऋषि सुनक?
ऋषि सुनक (43) अक्टूबर 2022 में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बने थे। सुनक ब्रिटेन के पहले भारतवंशी और गैर श्वेत प्रधानमंत्री हैं। सुनक भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनी इन्फोसिस के को-फाउंडर एनआर नारायणमूर्ति के दामाद हैं। अक्षता, नारायणमूर्ति की बेटी हैं। ऋषि सुनक के पेरेंट्स पंजाब के रहने वाले थे, जो विदेश में जाकर बस गए थे। सुनक का जन्म 12 मई 1980 को ब्रिटेन के हैंपशायर में हुआ था। ऋषि ने अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से ,मबी, किया और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से राजनीति, दर्शन और अर्थशास्त्र की पढ़ाई की। राजनीति में आने से पहले ऋषि ने इन्वेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन साक्स और हेज फंड में काम किया। इसके बाद उन्होंने इन्वेस्टमेंट फर्म की भी स्थापना की। उनकी मां उषा फार्मासिस्ट थीं। सुनक के पिता यशवीर ऑक्सफोर्ड और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट हैं।
Stronger together. Stronger united 🇬🇧🇮🇳
Thank you @narendramodi for a historic G20 and the Indian people for such a warm welcome.
From global food security to international partnerships, it’s been a busy but successful summit. pic.twitter.com/Bz1az3i2Xr
— Rishi Sunak (@RishiSunak) September 10, 2023
52 देशों में 1200 अक्षरधाम मंदिर मौजूद
अक्षरधाम मंदिर, स्वामीनारायण संप्रदाय के हैं। इसके संस्थापक स्वामीनारायण या सहजानंद स्वामी (घनश्याम पांडे) का जन्म अयोध्या में अप्रैल 1781 में हुआ था। इन्होंने बचपन में ही कई शास्त्रों को पढ़ लिया था। फिर वे घर छोड़कर चले गए और देशभर में घूमे। वे काफी प्रसिद्ध हो चुके थे और लोग उन्हें नीलकंठवर्णी कहने लगे। कई राज्यों से होते हुए वे गुजरात आ गए। यहां उन्होंने अपने संप्रदाय की शुरुआत की और उनके बहुत से अनुयायी बन गए। उन्होंने उस दौर की कई कुरीतियों को खत्म करने में बड़ा योगदान दिया। तब गुजरात समेत देश में कई प्राकृतिक आपदाएं आया करती थीं।
उस दौरान स्वामीनारायण ने अपने अनुयायियों को लोगों की मदद के लिए प्रेरित किया। इस सेवाभाव को देखकर लोग उन्हें भगवान का अवतार मानने लगे। 1830 में स्वामीनारायण का देहांत हो गया।
मंदिर निर्माण उनके जीवनकाल के दौरान की बात है। ब्रिटिश हुकूमत ने मंदिर के लिए जमीन दान की थी। मंदिर निर्माण स्वामीनारायण के अनुयायी आनंदानंद स्वामी की देखरेख में हुआ। इसमें स्वामीनारायण ने खुद भी श्रमदान किया।
दुनियाभर में 52 देशों में 1200 अक्षरधाम मंदिर हैं। इसके देशभर में 5 हजार और दुनियाभर में 9500 सत्संग केंद्र हैं। भारत में 800 अक्षरधाम मंदिर हैं।