फैमिली फिजिशियनस एशोसियेशन (एफपीए) राँची ने एफपीडायकाॅन का अन्तर्जाल पर आँचलिक आयुर्विज्ञान सम्मेलन का आयोजन

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रांची। फेडरेशन ऑफ फैमिली फिजिशियनस ऑफ इण्डिया (एफएफपीएआई) के तत्वावधान में फैमिली फिजिशियनस एशोसियेशन (एफपीए) राँची ने एफपीडायकाॅन का अन्तर्जाल पर आँचलिक आयुर्विज्ञान सम्मेलन का आयोजन किया। फैमिली फिजिशियनस के मधुमेह सम्बन्धित चिकित्सीय गोष्ठी में देश के जाने माने चिकित्सकों ने अपने व्याख्यान प्रस्तुत किए। दिल्ली के डाॅ रमन कुमार ने एफपीए ओरेशन में मधुमेह में भोजन में मोटे अनाज/अमृत अन्न, फल एवं सब्जियों के महत्व को बताया। साथ ही, नियमित व्यायाम को रक्त शर्करा नियन्त्रण में सहयोगी बताया।

राँची के डाॅ अजय छाबड़ा ने टाइप वन मधुमेह के उपचार पर व्याख्यान प्रस्तुत किया एवं इन्सुलिन को आवश्यक बताया।

पटना के सुप्रसिद्ध नेत्र रोग विशेषज्ञ डाॅ सुधांशु ब॔का ने अनियन्त्रित रक्त शर्करा के कारण होने वाले रेटाइनोपैथी पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि मधुमेह में रक्त शर्करा के नियन्त्रण एवं नियमित जाँच से आँखों के रोग एवं उलझनों से बच सकते हैं।

एफएफपीएआई के अध्यक्ष डाॅ प्रगनेश शाह ने बड़ोदड़ा से अध्यक्ष सभ्बोधन में युवा में मधुमेह के उपचार पर व्याख्यान प्रस्तुत करते हुए कहा कि पाश्चात्य एवं शिथिल जीवनशैली महत्वपूर्ण कारक है।

एफपीए राँची के अध्यक्ष एवं सुप्रसिद्ध मधुमेह एवं हृदय रोग विशेषज्ञ डाॅ वी के जगनाणी ने मधुमेह के उपचार में उपयुक्त विभिन्न ओषधि एवं नूतन उपचार पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया।

राँची की सुप्रसिध्द मधुमेह रोग विशेषज्ञ डाॅ नुपुर वाणी ने मधुमेह में इन्सुलिन के उपयोग एवं आवश्यकता पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि मधुमेह के उपचार में इन्सुलिन सर्वश्रेष्ठ है ।

मधुमेह में होने वाले वसा की गड़बड़ी, डायबेटिक डिस्लिपीडिमिया पर डाॅ वी के ढाँढनिया ने रक्त शर्करा नियन्त्रण एवं वसा के उपचार का महत्व बताया।

इस सम्मेलन में क्लयरनेट से ज्योति जी, सोमा जी एवं अंकिता जी ने अपना बहुमूल्य योगदान दिया।