न्यूज स्केल संवाददाता
लोहरदगा: एमबी डीएवी विद्यालय लोहरदगा में प्राचार्य जीपी झा के नेतृत्व में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तृतीय वर्षगांठ के अवसर पर सीबीएसई द्वारा निर्देशित वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। हम सभी जानते है कि ऑक्सीजन दुनिया के सभी जीवों के लिए बहुत जरूरी है, जबकि कार्बन-डाइऑक्साइड हमारे लिए हानिकारक है। और पेड़ ही सूर्य की रोशनी पर प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया करके हवा से खुद कार्बन-डाइऑक्साइड लेकर हमें ऑक्सीजन प्रदान करते हैं। हमारे देश में वृक्षों का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व भी बहुत अधिक है। विवाहित महिलाएं संतान प्राप्ति के लिए बरगद के पेड़ की पूजा करती है। इसके अलावा पीपल के पेड़ को बोधी वृक्ष कहा जाता है, क्योंकि भगवान गौतम बुद्ध को पीपल के पेड़ के नीचे ही ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। इसी वजह से हमारे साधु-संत भी पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर ही साधना करते है। आम के पेड़ की लकड़ी का प्रयोग हवन करने के लिए किया जाता है। भारत में पूजा-पाठ, विवाह, त्योहार या मुख्य अवसरों पर पेड़ो का बहुत उपयोग किया जाता है। इन सभी को दृष्टिगत रखते हुए विद्यार्थियों को प्रकृति की सुंदरता व उपादेयता से अवगत करवाने के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तृतीय वर्षगांठ के अवसर पर सीबीएसई द्वारा निर्देशित वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें विद्यालय संसद के सदस्यों, चारों सदनों के प्रतिनिधि विद्यार्थी तथा कक्षा तीसरी से बारहवीं तक के कक्षा मॉनिटर विशेष रुप से सम्मिलित हुए। माननीय प्राचार्य महोदय ने बच्चों को पेड़ों के महत्व, उपादेयता व सौंदर्य से अवगत करवाते हुए बच्चों के हृदय में प्रकृति के प्रति प्रेम जागृत किया तथा सर्वप्रथम आम के वृक्ष को आरोपित करते हुए कार्यक्रम का शुभारंभ किया। विद्यार्थियों द्वारा भी तरह-तरह के फलदायी व शोभावर्धक पौधों का आरोपण किया गया।