न्यूज स्केल संवाददाता
मयूरहंड(चतरा)। मयूरहंड अंचल में पदस्थापित अमीन किसुन राम की एकपक्षीय पक्षपात पूर्ण रवैए से दो जीवन के बीच सीमा विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई है। मिली जानकारी के अनुसार धनगावां के अनुसूचित जाति के लोगों द्वारा प्रभारी अंचल अधिकारी मयूरहंड को लिखित आवेदन देकर मंझौली खुर्द के शालिग्राम राणा, कामेश्वर राणा वगैरह द्वारा भू-दान में मिली जमीन पर गृह निर्माण करने की शिकायत की गई थी। जिसपर तत्काल संज्ञान लेते हुए अंचल अधिकारी साकेत कुमार सिंहा ने अंचल अमीन को विवाद के निपटारे के लिए विवादित भूमि की मापी का आदेश दिया था और 12जुलाई को दोनों पक्षों और मुखिया अशोक कुमार भुइयां की उपस्थिति में मापी की गई।इसमें शालिग्राम राणा वगैरह के द्वारा किए जा रहे निर्माण कार्य में भूमि अतिक्रमण का मामला प्रकाश में आया, साथ ही अनुसूचित जाति के लोगों द्वारा निर्मित मकान भी आम रास्ते में बने होने की बात अंचल अमीन द्वारा बताई गई। जिसपर अनुसूचित जाति के लोगों ने की गई मापी से असहमति व्यक्त की। पुनः19 जुलाई को अमीन द्वारा शालिग्राम राणा वगैरह को एकपक्षीय मापी की सूचना देकर विवादित भूमि की माप करने पहुंचे तो अनुसूचित जाति के लोगों ने मुखिया और ग्रामीणों को इसकी जानकारी दी। अमीन द्वारा बताया गया कि हम शालिग्राम राणा वगैरह द्वारा केवाला नंबर 3231,वर्ष 2006 से प्राप्त खाता नंबर-4 प्लॉट नं 58,कुल रकबा 18 डी,मधे1.5 डी, जिसकी चौहदी उत्तर रास्ता, दक्षिण बनवारी सिंह, पूरब पेमा सिंह (पेमल राणा) और पश्चिम हुलास बढ़ई, जिसके लिए अंचल में आवेदन दिया गया है की माप करने आए हैं। जानकी माप की जाने लगी तो विवादित भूमि की चौहदी उत्तर झनकू भुइया, दक्षिण रोड, पूरब झनकू भुइया और पश्चिम टनकू भुइया निकला। ऐसे में अमीन द्वारा तीन बार मापी करने पर अलग-अलग निष्कर्ष दिया गय। मापी की गई भूमिसे दोनों गांव के ग्रामीणों के बीच गंभीर विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई है, जो कभी भी विस्फोटक रूप लेकर कानून व्यवस्था की गंभीर स्थिति उत्पन्न कर सकती है। मुखिया ने अमीन द्वारा विवादास्पद और पक्षपातपूर्ण मापी किए जाने पर असंतोष और नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने अंचल अधिकारी से विवादास्पद भूमि की निष्पक्ष मापी की मांग की है।