सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज कर शुरू की जांच, रेल अधिकारियों से हुई पूछताछ
भुवनेश्वर/नई दिल्ली। बीते दिन ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण ट्रेन हादसे में सरकारी आंकड़ों के अनुसार 278 यात्रियों की मौत हो गई थी। वहीं हादसे के बाद कोरोमंडल एक्सप्रेस से 40 ऐसे लोगों के शव बरामद किए गए हैं, जिनके शरीर पर चोट के कोई निशान नहीं है। पुलिस अधिकारी का कहना है कि उक्त 40 लोगों की मौत करंट की चपेट में आने से हुई होगी। बालासोर के राजकीय रेलवे पुलिस स्टेशन में दर्ज एक प्राथमिकी ने संकेत दिया कि लाइव ओवरहेड तार जो दुर्घटना के समय टूट गए थे, वो कुछ कोचों में उलझ गए थे, जिससे उनमें फंसे यात्रियों को करंट लग गया। वहीं पुलिस सब इंस्पेक्टर पी कुमार नायक ने अपनी प्राथमिकी में कहा कि कई यात्रियों ने ओवरहेड एलटी (लो टेंशन) लाइन के संपर्क में आने के बाद टक्कर और करंट लगने के कारण चोटों के कारण दम तोड़ दिया है। अधिकारियों ने कहा कि ओवरहेड तार टूट गए क्योंकि ट्रिपल ट्रेन दुर्घटना के दौरान कोच पलट गए थे।
सीबीआई ने हेंडओवर लिया केस
हावड़ा-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस, बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस और एक खड़ी मालगाड़ी दुर्घटना में सरकारी आंकड़ों के अनुसार 278 लोग मारे गए और 1200 घायल हुए। सीबीआई ने मंगलवार को ओडिशा पुलिस द्वारा दर्ज बालासोर जीआरपी केस नंबर 64/2023 को अपने हाथ में लेने के साथ जांच-पड़ताल प्रारंभ कर दी है।
सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज कर शुरू की जांच, रेल अधिकारियों से हुई पूछताछ
नई दिल्ली। दो जून को ओडिशा के बालासोर में हुए रेल हादसे की जांच कर रही केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की 10 सदस्यीय टीम ओडिशा में है और उसने मंगलवार को पटरियों और सिग्नल रूम का निरीक्षण कर बाहानगा बाजार रेलवे स्टेशन पर तैनात रेल अधिकारियों से पूछताछ की।
ज्ञात हो कि रेलवे बोर्ड ने रविवार को दुघर्टना की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी। दो यात्री ट्रेनों और एक मालगाड़ी के दुर्घटनाग्रस्त होने से कुल 278 लोगों की जान गई और करीब 1200 लोग घायल हुए थे। सीबीआई अधिकारियों संग पहुंची फॉरेंसिक टीम ने भी सिग्नल रूम के कर्मचारियों से बात की और विभिन्न उपकरणों के उपयोग एवं उनके काम करने के तरीकों से अवगत हुए।
हादसे की सीबीआई आपराधिक कोण से करेगी जांच
सीबीआई हादसे की जांच आपराधिक कोण से करेगी, ऐसा इस लिए कि रेलवे ने हादसे के पीछे तोड़फोड या बाहरी हस्तक्षेप की आशंका जताई है। खुर्दा रोड मंडल के मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) रिंकेश रॉय ने संदेह जताया है कि सिग्नल प्रणाली में संभवतः ‘छेड़छाड़’ की गई है। घटना के एक दिन बाद तीन जून को ओडिशा पुलिस द्वारा बालोसोर राजकीय रेलवे पुलिस थाने में दर्ज प्राथमिकी 64/2023 की जांच केंद्रीय एजेंसी ने अपने हाथ में ली है। दक्षिण पूर्वी रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी आदित्य चौधरी ने बताया सीबीआई सभी पहलुओं की जांच करेगी और जानकारी एकत्र कर रही है और इसमें रेलवे पूरा सहयोग करेगा।
रेलवे सुरक्षा के मुख्य आयुक्त (दक्षिण पूर्वी क्षेत्र) शैलेश कुमार पाठक ने सोमवार को घटनास्थल का दौरा किया और अपनी जांच के तहत हादसे के बारे में लोगों से बात की। एक अधिकारी ने बताया कि हादसे की वजहों की जानकारी सीबीआई और सीसीआरएस की जांच पूरी होने के बाद ही मिल पाएगी। उन्होंने कहा कि बालासोर जीआरपी ने मामले में प्राथमिकी दर्ज की है और वह भी हादसे की जांच कर रही है।
ज्ञात हो कि दो जून शाम करीब सात बजे हावड़ा के नजदीक शालीमार से चेन्नई सेंट्रल जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस बाहानगा बाजार रेलवे स्टेशन पर खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थी जिससे उसके अधिकतर डिब्बे पटरी से उतर गए थे। उसी समय दूसरी ओर से गुजर रही बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस के आखिरी कुछ डिब्बे भी कोरोमंडल एक्सप्रेस की बेपटरी हुई बोगियों से टकरा गए थे।
हादसे में मारे गए 278 लोगों में 177 लोगों की पहचान कर ली गई है और उनके शव परिजनों को सौंप दिए गए हैं।