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टंडवा (चतरा): एसपी को मिली गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस टीम ने टंडवा कोयलांचल क्षेत्र में लेवी वसूली को लेकर दहशत फैलाने वाले प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन टीएसपीसी के एरिया कमांडर व दो सहयोगियों समेत तीन को पुलिस ने विदेशी हथियारों व दस्तावेजों के साथ गिरफ्तार कर शनिवार को चतरा जेल भेज दिया। एसपी राकेश रंजन ने टंडवा एसडीपीओ कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस संबंध में पत्राकारों को जानेारी देते हुए बताया कि बीते 6 मई को पूर्णाडीह परियोजना क्षेत्र में मैथन पॉवर के लिफ्टर बिनोद गिरी को टीएसपीसी के तीन अपराधियों ने गोली मारकर ज़ख्मी कर दिया था। घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए विशेष कार्यबल में डीएसपी शंभू कुमार सिंह के नेतृत्व में पिपरवार थाना के पुअनि गोविंद कुमार, पुअनि रुपेश महतो, पुअनि आनंद खण्डैत व अन्य रिजर्व गार्डों के साथ टीम गठन किया गया। जिसने तकनीकी साक्ष्यों व मजबूत सूचना तंत्र के बदौलत त्वरित कार्रवाई करते हुए कांड में संलिप्त रांची जिला के खलारी थाना स्थित गुलजार बाग (लालघोडा) निवासी टीएसपीसी के एरिया कमांडर छोटन तुरी ऊर्फ बादल ऊर्फ अभय पिता टिनु तुरी, सक्रिय सदस्य छपरा जिले के बनियापुर थाना स्थित सरनी निवासी 44 वर्षीय राकेश सिंह उर्फ मोहनिश पिता ब्रह्मा सिंह तथा मो. ताकिर उर्फ बम्बईया पिता अब्दुल रऊफ ग्राम चोपेडीह, मुरपा (लातेहार) को विदेशी हथियारों के साथ गिरफ्तार किया गया। जिसमें गिरफ्तार अपराधियों के पास से इटली मेड पिस्टल 1, यूएसए निर्मित पिस्टल 1, देशी कट्टा 1, जिंदा गोली 17, मैगजीन 1, पांच मोबाइल, एयरटेल वाईफाई 2, बिना नंबर के पल्सर मोटरसाइकिल 1 तथा कोल व्यवसायियों के नाम व पता संबंधित डायरी को जप्त किया गया है। वहीं पिपरवार थाना में उक्त मामले को लेकर कांड संख्या 26/2023 दर्ज किया गया था, जिसपर आरोपियों के विरुद्ध अपराध व साक्ष्यों के आधार पर कांड संख्या 28/2023 में आर्म्स एक्ट समेत विभिन्न धाराओं के तहत शनिवार को मामला दर्ज कर आरोपियों को जेल भेज दिया गया। एसपी श्री रंजन यह भी बताया कि गिरफ्तार अपराधियों के स्वीकारोक्ति बयानों व साक्ष्यों के आधार पर समर्थन देने वाले कई सफेदपोशों का सत्यापन किया जा चुका है, जिनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस द्वारा छापेमारी की जा रही है। पुलिस के अनुसार इसके आलावा तीनों गिरफ्तार उग्रवादी पिपरवार व खलारी थाना क्षेत्र मे संचालित कोल परियोजनाओ में टीएसपीसी नक्शली संगठन पर बैन लगने के बाद केजीएफ नामक संगठन बनाकर कोल व्यवसाईयो को लेवी व रंगदारी की मांग को लेकर लगातार धमकी दे रहे थे।