33 साल से था लाहौर में, सोसायटी में घुसकर बाइक सवारों ने मारीं गोलियां
अमृतसर/लाहौर। शनिवार को पाकिस्तान के लाहौर में जौहर कस्बे की सनफ्लावर सोसाइटी में घुसकर आतंकी संगठन खालिस्तान कमांडो फोर्स के चीफ परमजीत सिंह पंजवड़ 62 वर्ष की हत्या गोली मारकर कर दी गई। मृतक पंजवड बीते 1990 से पाकिस्तान में शरण लिए हुए था व नाम बदलकर मलिक सरदार सिंह के नाम से रह रहा था। पंजवड़ 30 जून 1999 में चंडीगढ़ में पासपोर्ट कार्यालय के पास बम ब्लास्ट का भी आरोपी था। जिसे लेकर पंजवड़ का नाम भारत सरकार की आतंकी लिस्ट में शामिल था। सूत्रों के अनुसार, शनिवार अहले सुबह 6 बजे बाइक सवार दो लोगों ने सोसाइटी में घुसकर फायरिंग कर फरार हो गए।
पंजवड़ का नाम भारत सरकार के आतंकियों की लिस्ट में
मृतक आतंकी परमजीत सिंह पंजवड़ पंजाब के तरनतारन जिला अंतर्गत झब्बाल थाने के पंजवड़ गांव का रहने वाला था। केंद्रीय (भारत) गृह मंत्रालय ने वर्ष 2020 में नौ आतंकियों के जारी लिस्ट में परमजीत सिंह पंजवड़ का नाम आठवें स्थान पर था। लिस्ट मेंपंजवड़ के अलावा बब्बर खालसा इंटरनेशनल के चीफ वधावा सिंह बब्बर का नाम भी है, जो तरनतारन के दासूवाल गांव का रहने वाला है। शनिवार सुबह हुए हमले के बाद लाहौर में सड़क पर पड़ी खालिस्तानी आतंकी परमजीत सिंह पंजवड़ का शव। जिसकी फोटो ऑस्ट्रेलिया की एक मीडिया हाउस ने ट्वीट की।
लाहौर में शनिवार सुबह हुए हमले के बाद सड़क पर पड़ी खालिस्तानी आतंकी परमजीत सिंह पंजवड़ की बॉडी। पंजवड़ की यह फोटो ऑस्ट्रेलिया के एक मीडिया
ISI के मदद से नशीली दवाएं और हथियार भेजता था पंजाब में
मारा गया परमजीत सिंह पंजवड़ ISI के मदद से पाकिस्तान से ड्रग और हथियारों की तस्करी ड्रोन के माध्यम से पंजाब में करता था। उससे मिले रुपये से ही उसने खालिस्तान कमांडो फोर्स को एक्टिव रखा था। पंजवड़ पंजाब में आतंकवाद के दौरान 1986 में अपने चचेरे भाई लाभ सिंह के साथ खालिस्तान कमांडो फोर्स में शामिल हुआ था। उसके पहले पंजाब के ही सोहल के कोऑपरेटिव बैंक में वह काम करता था। लाभ सिंह के भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा मारे जाने के बाद 1990 के दशक में पंजवड़ ने केसीएफ की कमान संभाला और पाकिस्तान भाग गया। जहां उसे शरण मिली। वहीं पाकिस्तानी सरकार पंजवड़ के पाकिस्तान में होने से हमेशा इनकार करती रही।
जबकी परमजीत सिंह पंजवड़ की पत्नी जर्मनी में अपने दो बेटों मनबीर सिंह 22 वर्ष, राजन सिंह 20 वर्ष के साथ रहती थी, जिसकी करीब छह माह पहले वहां मौत हो चुकी है।
अक्टूबर 2020 में शौर्यचक्र विजेता बलविंदर सिंह संधू की हत्या पंजाब के तरनतारन में कर दिया गया था। जिसमें परमजीत का ही हाथ था। पंजाब में आतंकवाद के खिलाफ बलविंदर सिंह संधू ने लड़ाई लड़ी जिसके लिए उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था। उसी समय से बलविंदर सिंह की हत्या की साजिश पंजवड़ रच रहा था। यहां तक की 33 साल से पाकिस्तान में बैठे परमजीत सिंह की कोई लेटेस्ट फोटो पंजाब पुलिस के पास नहीं है।जबकि उसका नाम मोस्ट वांटेड आतंकियों की लिस्ट में है। पर पुलिस के पास 35 साल पुरानी उसकी तस्वीरें ही हैं, जो उसके घर से बरामद की गई थीं।
ISI के मदद से खालिस्तान मूवमेंट को हवा देने में लगा था पंजवड़
पाकिस्तान में ही मौजूद बब्बर खाल और इंडियन सिख यूथ फेडरेशन के प्रधान लखबीर सिंह रोडे के साथ मिलकर ISI के मदद से पंजाब में फिर से परमजीत सिंह पंजवड़ खालिस्तान मूवमेंट और आतंकवाद को बढ़ावा देने में लगा था। इसके लिए हथियार और ड्रग लगातार पंजाब भेजे जा रहे हैं। उक्त नेटवर्क को तोड़ने में केंद्रीय गृह मंत्रालय से लेकर आईबी और पंजाब पुलिस के काउंटर इंटेलिजेंस की टीमें लगी हैं। पांच लाख का इनाम पंजाब पुलिस ने परमजीत सिंह पंजवड़ पर रखा था। पंजवड़ निवासी परमजीत सिंह पंजवड़ के तीन भाई बलदेव सिंह, सरबजीत सिंह गांव में खेती करते हैं। पंजवड़ का एक भाई राजविंदर सिंह और मां महिंदर कौर पुलिस के हाथों मारे जा चुके हैं।