स्वास्थ्य की लचर व्यवस्था को लेकर प्रतिनिधियों नें किया प्रेस कॉन्फ्रेंस, कहा स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही का खामयाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ता है

NewsScale Digital
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चतरा। लावालौंग प्रखंड मुख्यालय स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की लचर व्यवस्था और विभाग की अनदेखी से क्षुब्ध मुखिया संघ ने बुधवर को प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। इस दौरान कटिया पंचायत के मुखिया पति ने जानकारी देते हुए कहा कि आए दिन यहां स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही का भुक्तभोगी ग्रामीणों को होना पड़ रहा है। परंतु इसे देखने वाला कोई नहीं है। इसका सबसे बड़ा कारण स्वास्थ्य कर्मियों और एएनएम के लगभग 15 वर्षों से एक ही अस्पताल में कुंडली जमा कर बैठे रहना है। यही कारण है कि इन कर्मियों के अंदर काम के प्रति उदासीनता और विभागीय भय नाम का चीज खत्म हो चुका है। आखिर किसके कृपा दृष्टि से इतने लंबे समय से ये कर्मी यहां पड़े हैं। उन्होंने कहा कि एएनएम कुसुमलता के साथ अन्य कर्मियों का भी स्थानांतरण होना चाहिए। वहीं मुखिया नेमन भारती ने आक्रोश भरे शब्दों में कहा कि मुझे ज्ञात है कि गर्भ में आने से लेकर प्रसव तक सरकार के द्वारा जननी सुरक्षा के साथ अन्य योजनाओं के तहत गर्भवती और धात्री महिलाओं के प्रति दो से ढाई लाख रुपए खर्च किए जाते हैं। इसके बावजूद भी आए दिन नवजातों को लापरवाही का बलि चढ़ना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। इधर मंधनियां मुखिया पति भोला राम ने कहा कि मैं जब भी स्वास्थ्य केंद्र गया तो वहां कभी सफाई कर्मी तो कभी गार्ड को दवा वितरण करते हुए पाया। पूछे जाने पर कर्मियों बताया कि पूर्व में पदस्थापित दवा वितरक का स्थानांतरण हो गया है, इसलिए हमलोगों को ही मजबूरी में दवा बांटना पड़ता है। अब सवाल यह है की सफाई कर्मी और गार्ड जिन्हें दवा से संबंधित क अक्षर की भी जानकारी नहीं है। उनके द्वारा दवा वितरण किया जाना क्या खतरे भरा नहीं है। आगे उन्होंने कहा कि यहां का प्रभार डीएन प्रसाद के पास है जो रेफरल अस्पताल सिमरिया के प्रभारी हैं। परंतु उन्हें लावालौंग क्षेत्र की स्थिति से कोई लेना देना नहीं है। इधर मुखिया संघ के अध्यक्ष राजेश कुमार साव ने कहा कि बिना डॉक्टर के रिव्यु के किसी भी पेशेंट को भर्ती नहीं किया जाता है। परंतु कटिया पंचायत के एक गर्भवती प्रियंका रात भर बिना लाइट के मोबाइल की रोशनी में तड़पती रही और सुबह उसका बच्चा लापरवाही की बलि चढ़कर मौत के मुंह में समा गया। इस संबंध में फोन पर पूछे जाने पर डॉक्टर चंदन नें अचंभित शब्दों में कहा कि मुझे ऐसी घटना की कोई जानकारी नहीं है। अब सवाल है कि यह डॉक्टर चंदन की लापरवाही कहा जाए या एएनएम के साथ स्वास्थ्य कर्मियों की या यह व्यवस्थाओं की अनदेखी। मुखिया संघ ने कहा है कि हम शीघ्र ही उपायुक्त से 15 वर्षों से जमे कर्मियों के स्थानांतरण के लिए लिखित आवेदन देकर मांग करेंगे। साथ ही व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए भी मुखिया संघ नें मीडिया के माध्यम से उपायुक्त से अपील किया है।

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