कब और कहां-कहां हुए छत्‍तीसगढ़ में बड़े नक्सली हमले…

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न्यूज स्केल डेस्क रिपोर्ट

छत्तीसगढ़/जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले के अरनपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत जंगल में बुधवार दोपहर नक्सलियों के आइइडी ब्लास्ट में 10 डीआरजी जवान व वाहन चालक के शहीद होने की घटना ने छत्तीसगढ़ के साथ पूरे देश को दहला दिया है। ऐसा नहीं है कि छत्तीसगढ पहली बार नक्‍सली हमले में जवानों ने जान गंवाई है। राज्य में अब तक करीब 11 बड़े नक्सली हमलों हुए हैं।


3 अप्रैल 2021 को बीजापुर जिले के टेकुलगुड़ेम में नक्सलियों ने घात लगाकर सुरक्षा बल की संयुक्त दल को निशाना बनाया था। जिसमें सुरक्षा बल के 21 जवान शहीद हो गए थे। जबकी एक जवान राकेश्वर मन्हास को नक्सलियों ने अगवा कर लिया था, जिन्हे बाद में रिहा किया गया था।

21 मार्च 2020 को सुकमा जिले के चिंतागुफा क्षेत्रे में डीआरजी और एसटीएफ की संयुक्त टीम मिनपा व एलमागुंडा के आसपास नक्सलियों के मौजूद होने की सूचना पर सर्चिंग पर थी। तभी कोरजागुड़ा पहाड़ी के पास छिपे नक्सलियों ने चारों ओर से जवानों पर गोलियों की बौछार कर दी। जिसमें 17 जवान शहीद हो गए थे। वहीं जवानों ने भी जवाबी फायरिंग की तो नक्सली जंगल के अंदर भाग निकले थे।

9 अप्रैल 2019 को दंतेवाड़ा के श्यामगिरी में 2019 के लोकसभा चुनाव में मतदान से ठीक पहले नक्सलियों ने चुनाव प्रचार के लिए जा रहे भाजपा विधायक भीमा मंडावी की कार पर हमला किया था। जिसमें भीमा मंडावी के अलावा उनके चार सुरक्षा कर्मी भी शहीद हो गए थे।

13 मार्च 2018 को सुकमा जिले के किस्टाराम क्षेत्र में नक्सलियों ने आइइडी ब्लास्ट किया था, जिसमें सीआरपीएफ के 9 जवान शहीद व 25 जवान घायल हो गए थे।

24 अप्रैल 2017 को सुकमा जिले के चिंतागुफा के पास नक्सलियों ने घात लगाकर हमला किया था, जिसमें सीआरपीएफ के 25 जवान शहीद हो गए थे। घटना के समय सड़क निर्माण में सुरक्षा के बीच खाना खा रहे थे सभी।

25 मई 2013 को बस्तर के झीरम घाटी में हुए नक्सली हमले में आदिवासी नेता महेंद्र कर्मा, कांग्रेस के प्रदेशध्यक्ष नंद कुमार पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल समेत 32 लोग मारे गए थे।

29 जून 2010 को नारायणपुर जिले के धोड़ाई में सीआरपीएफ के जवानों पर नक्सलियों ने घात लगाकर हमला किया था। जिसमें 27 जवान शहीद हो गए थे।

17 मई 2010 को एक यात्री बस में सवार हो कर दंतेवाड़ा से सुकमा जा रहे सुरक्षाबलों पर गादीरास के पास नक्सलियों ने बारूदी सुरंग लगा कर हमला किया था, जिसमें 12 विशेष पुलिस अधिकारी शहीद होने के साथ 36 लोग मारे गए थे।

6 अप्रैल 2010 को बस्तर के ताड़मेटला में सर्चिंग पर निकले सीआरपीएफ जवानों पर नक्सलियों ने बारुदी सुरंग विस्फोट कर हमला किया था जिसमें 76 जवान शहीद हो गए थे।

12 जुलाई 2009 को राजनांदगांव के मानपुर थाना अंतर्गत मदनवाड़ा में नक्सली हमले में पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार चौबे समेत 29 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे।

9 जुलाई 2007 को एर्राबोर के उरपलमेटा में सीआरपीएफ और जिला पुलिस बल नक्सलियों की तलाश कर वापस बेस कैंप लौट रही थी। तभी नक्सलियों ने घात लगाकर हमला बोला था जिसमें 23 पुलिसकर्मी शहीद हुए थे।

15 मार्च 2007 को बीजापुर के रानीबोदली में पुलिस कैंप पर आधी रात को नक्सलियों ने हमला कर, भारी गोलीबारी के बाद कैंप को बाहर से आग लगा दिया थ। जिसमें पुलिस के 55 जवान शहीद हो गए थे। न्यूज स्केल डेस्क रिपोर्ट…