न्यूज स्केल संवाददाता
चतरा/हंटरगंज। पुलिस और वन विभाग के द्वारा लगातार चलाए जा रहे अफीम विनष्टीकरण व जागरुक्ता अभियान का ग्रामीणों में व्यापक असर पड़ रहा है। ग्राम सभाओं के द्वारा स्वतः अफीम फसल को नष्ट करने का काम ग्रामी करने लगे हैं। इसी क्रम में हंटरगंज प्रखंड क्षेत्र के करैलीबार पंचायत अंतर्गत कोल्हुआ गांव के ग्रामीण कलेश्वर यादव के नेतृत्व में ग्रामीणों ने लगभग 2 एकड़ दूरंगी, सरोदाग आदि वन भूमि पर लगे अवैध अफीम फसल को नष्ट कर दिया है। वही ग्रामीण कलेशर यादव ने कहा कि अफीम एक मादक पदार्थ है, जो इंसानों के जीवन को धीरे-धीरे खत्म करता है। मैं हमेशा से इसके खिलाफ रहा हूं। लेकिन चंद अफीम माफयाओं के झांसे में आकर खेती लगवाया था। जिसका विनष्टीकरण मैं स्वयं की निगरानी में करवा रहा हूं। आगे श्री यादव ने कहा कि मेरे नाम पे अफीम माफियाओं के द्वारा पुरे इलाके में अफीम हमेशा से लगवाते आ रहे हैं और मेरा नाम बदनाम करने की शुरू से कोशिश की गयी, मुझे बहला फुसला कर अफीम माफियाओं ने खेती लगाया। मुझे संलिप्त करके अफीम माफिया लोगों ने बड़े पैमाने पर जंगलो में खेती लगाया हैं जिसकी निष्पक्ष जांच हो। मैं प्रशासन को आश्वस्त करता हूं की किसी भी तरह का कोई खेती अब मेरे नाम पे आपको नहीं मिलेगा और न हीं कभी भविष्य में ऐसे झांसे में आऊंगा, मैं प्रशासन से मांग करता हूं की ऐसे जहरीले खेती से जंगल तो खराब हो हीं रहा हैं साथ हीं साथ लोगों का भविष्य भी खतरे में हैं, अफीम विनष्टीकरण के साथ वैसे माफियाओं पर भी नकेल कशा जाए जो यहां से अफीम बाहर के बाजार में बेचने का काम कर रहे हैं। इस संबंध में प्रक्षेत्र वन पदाधिकारी सूर्यभूषण कुमार ने कहा कि अवैध पोस्ते की खेती करने वालों को कभी बख्शा नहीं जायेगा। अफीम बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए जानलेवा है। आगे रेंजर ने यह भी कहा है कि जिन लोगों ने पोस्ते की खेती की है, वे इसे खुद ही नष्ट कर दें। नहीं तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी और एनडीपीएस की धारा 18 के तहत मुकदमा करते हुए, खेती करने वालों को जेल भेजा जाएगा।