नाबालिग बने मनरेगा लाभुक व मजदूर, मजदूरों को रोजगार से किया जा रहा है दूर

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मयूरहंड(चतरा)। मयूरहंड प्रखंड के मंझगांवा पंचायत इन दिनों मनरेगा के तहत योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर खूब सुर्खियां बटोर रहा है। ज्ञात हो कि पंचायत के मुखिया मनजीत सिंह ने जनहित कार्य निजी खर्च से भी करने में पीछे नहीं हटते। इसी कार्य से प्रभावित होकर पूर्व सांसद सुनील सिंह ने दिशा का सदस्य मनोनीत किया था और निस्वार्थ भाव से कार्य करने से प्रभावित वर्तमान सांसद काली चरण सिंह ने भी पुनः दिशा सदस्य मनोनीत किया। वहीं पंचायत निरीक्षण में आए केंद्रीय सचिव और झारखंड सरकार के संयुक्त सचिव ने भी मुखिया के कार्यों की सराहना करते हुए आदर्श पंचायत की बात कही थी। पर पदाधिकारी व कर्मी पंचायत की समस्या समाधान न कर कार्यों में व्यवधान उत्पन्न करने का कार्य कर रहे हैं। जिससे मुखिया किसानों को डोभा, तालाब, कूप निर्माण कार्य नहीं करवा पा रहे हैं। ऐसे में किसानों में भी रोष व्याप्त है। इतना हीं नहीं रोजगार सेवक अजय कुमार के कार्यों से क्षुब्ध मुखिया ने बदलने का आग्रह प्रखंड विकास पदाधिकारी से किया था। पर रोजगार सेवक का स्थानांतरन तो नही किया गया, उलटे बाल श्रम अधिनियम व किशोर न्याय अधिनियम का उलंघन कर रोजगार सेवक ने नाबालिग से मजदूरी कराना प्रारंभ कर दिया। मनरेगा के कई योजनाओं में नाबालिग बच्चों का योजना पट के साथ जीयो टैग फोटो लगाया गया है, जिससे प्रतित होता है कि स्कूल व पढ़ाई से बच्चों को दूर किया जा रहा है। जो जांच कर विषय है, की बच्चों का जीयो टैग फोटो किसी कारण रोजगार सेवक द्वारा लेकर ऑनलाइन कर दिया गया है।