संभल। बीती 24 नवंबर को उत्तर प्रदेश के संभल स्थित जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान हुई हिंसा के बाद तहसील क्षेत्र में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी। वहीं छठें दिन शुक्रवार शाम इंटरनेट शुरू होने पर लोगों ने राहत की सांस ली। वहीं, संभल जिले में अनधिकृत बाहरी लोगों के प्रवेश पर लगे प्रतिबंध को बढ़ा दिया गया है। अब 10 दिसंबर तक किसी भी दल के जनप्रतिनिधि और सामाजिक संगठन के पदाधिकारी का प्रवेश प्रतिबंधित किया गया है। इंटरनेट बंद होने के कारण बैंकिंग, ऑनलाइन लेन-देन और साइबर से जुड़े अन्य कामकाज पूरी तरह बाधित हो गए थे। शुक्रवार को जुमे की नमाज शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न होने के बाद प्रशासन ने शाम चार बजे इंटरनेट सेवा फिर से चालू कर दी।
इंटरनेट सेवाएं शुरू होते ही फेसबुक, वॉट्सएप और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर सक्रियता बढ़ गई। छह दिनों तक डिजिटल संपर्क से कटे रहे लोग अब आसानी से अपने संदेश और जानकारियां साझा कर रहे हैं। इंटरनेट सेवा ठप होने के कारण जिले में बैंकिंग गतिविधियों पर बड़ा असर पड़ा था। ऑनलाइन लेन-देन रुकने से बाजार और व्यापारियों को खासी परेशानियां झेलनी पड़ीं। इंटरनेट बहाल होते ही व्यापारिक गतिविधियां सामान्य होने लगीं और रुके हुए लेन-देन भी निपटाए जाने लगे। छात्रों और नौकरीपेशा लोगों ने भी ऑनलाइन कक्षाओं और कार्य से जुड़ी बाधाओं के दूर होने पर राहत महसूस की। दुसरी ओर प्रशासन ने इंटरनेट सेवा बहाल करते हुए स्पष्ट किया है कि इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर फैलने वाली अफवाहों और भ्रामक पोस्ट पर सख्त नजर रखी जाएगी। किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तत्काल कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। स्थानीय निवासियों ने इंटरनेट सेवा बहाल करने के प्रशासनिक निर्णय का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि स्थिति सामान्य बनी रहेगी।
हिरासत में लिए गए मौलाना तौकीर
बरेली जिले में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद मोहल्ला सौदागरान स्थित आवास से मौलाना तौकीर संभल जाने को निकले। वहीं माहौल खराब होने की आशंका के चलते पुलिस ने सीबीगंज क्षेत्र में उन्हें कई समर्थकों के साथ रोककर हिरासत में ले लिया।
शांतिभंग के मामले में चालान करने के एक घंटा बाद उन्हें छोड़ दिया गया। इस दौरान मौलाना तौकीर ने संभल पुलिस के साथ केंद्र और राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए।