
मणिपुर में जारी हिंस के बीच राज्य में सीएम बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली बीजेपी की सरकार से कॉनराड संगमा की एनपीपी पार्टी ने अपना समर्थन वापस ले लिया है। इस संबंध में पार्टी की तरफ से बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को एक पत्र लिखा गया है। जिसमें इस बात का जिक्र किया गया है कि इस वक्त मणिपुर में जारी हिंसा की स्थिति से निपटने में बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार सक्षम नहीं है। इसलिए एनपीपी पार्टी सरकार से अपना समर्थन वापस लेती है। वहीं एनपीपी के इस निर्णय से मणिपुर के राजनीतिक गलियारों में हलचलें तेज हो गईं हैं। वहीं सियासी उथल-पुथल होने की भी संभावना है।
दुसरी ओर एनपीपी (नेशनल पीपुल्स पार्टी) के मणिपुर सरकार से तत्काल प्रभाव से अपना समर्थन वापस लेने के बाद दिल्ली में कांग्रेस सांसद कुंवर दानिश अली ने कहा, सूर्य पूर्व दिशा से उगता है। भाजपा के दिन खत्म होने वाले हैं। पूर्वाेत्तर से समर्थन वापस लेने का सिलसिला शुरू हो गया है। मणिपुर सरकार से समर्थन वापस लेने का सिलसिला अब उनके किसी सहयोगी ने वापस ले कर किया है। एक दिन आपको सुनने को मिलेगा कि जेडी(यू) या टीडीपी ने समर्थन वापस ले लिया है और मोदी सरकार गिर जाएगी।
दानिश अली ने आगे कहा कि उन्होंने बहुत सारे वादे किए और सत्ता में आए, लेकिन उन्होंने आज तक कोई मांग पूरी नहीं की। मणिपुर की स्थिति सबके सामने है। उनका इन सबसे कोई लेना-देना नहीं है, वे केवल बांटो और काटो की राजनीति में व्यस्त हैं। आप एक सुबह उठेंगे और आपको पता चलेगा कि जेडी(यू) और टीडीपी ने समर्थन वापस ले लिया है, जिनकी बैसाखी पर केंद्र सरकार चल रही है।
वहीं, मणिपुर में कांग्रेस के नेता कीशम मेघचंद्र ने बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि अगर मणिपुर के लोग मणिपुर में शांति लाने के लिए नया जनादेश लाना चाहते हैं तो मैं सभी कांग्रेस विधायकों के साथ विधायक पद से इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं।