कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनावी सभा में हुए शामिल, कहा मोदी जी को बहुमत मिलता तो संविधान को अदल-बदल कर देते

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हजारीबाग। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जन खरगे ने झारखंड में इंडिया गठबंधन के प्रत्याशियों के पक्ष में जनसभा को संबोधित किया। हजारीबाग के मांडू विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे जयप्रकाश भाई पटेल के पक्ष में आयोजित चुनावी सभा में उन्होंने लोगों से वोट देने की अपील की।साथ ही नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर नरेंद्र मोदी को पूर्ण बहुमत मिल जाता, तो वे संविधान को अदल-बदल कर देते।

हेमंत सोरेन सरकार की उपलब्धियों का बखान

मल्लिकार्जुन खरगे ने मंगलवार को झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में चल रही गठबंधन सरकार की उपलब्धियों की बखान करते हुए कहा कि सोरेन सरकार ने झारखंड की जनता के हित में कई बड़े निर्णय लिए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला भी बोला। खासकर पीएम मोदी की गारंटी वाले बयान के लिए खरगे ने उन्हें आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कहते हैं कि ‘ये मोदी की गारंटी है’। कहां है तुम्हारी गारंटी।

खरगे ने कहा तुम्हारे वादों का कद भी तुम्हारे जैसा है

खरगे ने कहा कि गारंटी कांग्रेस की नेता सोनिया गांधी ने दी थी। उनकी वजह से भूखे लोगों को आज अन्न मिल रहा है। उन्होंने नरेगा योजना की गारंटी दी थी। लोगों को साल में 100 दिन के रोजगार की गारंटी मिली थी। आज मोदी की सरकार इस योजना को खत्म करने में लगी हुई है। खरगे ने नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि तुम्हारे वादों का कद भी तुम्हारे जैसा है। कभी भी नाप के देखो तो कम निकलता है। कहा कि प्रधानमंत्री बहुत झूठ बोलते हैं।.

मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा एससी-एसटी का आरक्षण क्यों नहीं बढ़ाते

मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि पीएम मोदी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की बात करते हैं। आदिवासियों की बात करते हैं. हेमंत सोरेन की सरकार ने 2022 में एससी-एसटी के आरक्षण को बढ़ाने का प्रस्ताव पास करके भेजा था। आज भी वह प्रस्ताव राजभवन में पड़ा है। उसे मंजूरी क्यों नहीं दी जा रही। अगर आप एससी-एसटी-ओबीसी के हितैषी हो, तो आरक्षण को 14 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी क्यों नहीं करते।

हेमंत सोरेन सरकार के प्रस्ताव में था 14 फीसदी से बढ़ाकर 27 ओबीसी आरक्षण करने का

मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि 2022 में झारखंड सरकार ने जो प्रस्ताव केंद्र को भेजा था, उसमें ओबीसी आरक्षण को 14 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी करने की सिफारिश की गई थी। एससी का आरक्षण 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत और एसटी का आरक्षण 26 प्रतिशत से बढ़ाकर 28 प्रतिशत करने का प्रस्ताव था। इसे अब तक मंजूरी नहीं दी गई।