शहर के बाजारों में जमकर हुई खरीदारी, साइकिल बर्तन समेत अन्य की बिक्री
लोहरदगा। धन, वैभव, युख समृद्धि आदि का पर्व धनतेरस पर लोहरदगा के बाजारों में खास उत्साह देखने को मिला। मिठाई, पूजन के लिए लक्ष्मी – गणेश जी की मूर्तियां, चित्र, चांदी, ब्रास या सोने की मूर्तियां, पूजन की थाली, नए कपड़े, विवाह की खरीदारी, टी वी, , लैपटाप, कंप्यूटर, टैब, घड़ी, मोबाईल, डिनर सैट, टोस्टर, तंदूर, बलैंडर, जूसर मिक्सर, फ्रिज, गीजर, कुकर, माइक्रोवेव, फर्नीचर, घर की साज सज्जा, डेकोरेशन, पर्दे, पेंटिग्ज, सोफा, बेड, अन्य फर्नीचर, खिलौने, दीवाली की सजावटी लाईटें, पूजा सामग्री, खीलें ,बतासे, अखरोट आदि की जमकर बिक्री हुई। धन पूजन, बही खातों, डायरी, कलम दवात की भी खरीदारी हुई। साइकिल दुकानों पर भी धनतेरस पर जमकर भीड़ देखी गई। साइकिल दुकानदार कमल अग्रवाल, मनीष अग्रवाल ने बताया कि उनके प्रतिष्ठान में 1500 से 50 हजार तक के साइकिल मौजूद हैं। बताया कि लगभग 100 से ज्यादा साइकिल की बिक्री व एडवांस बुकिंग हुई है। मान्यता है कि दीवाली से दो दिन पहले पड़ने वाले इस त्योहार पर धनतेरस की सायं दीपदान किया जाता है ताकि पूरा परिवार यमराज के कोप से बचा रहे और परिवार में ,अक्समात कोई दुर्घटना न हो। घरों की भी सफाई की जाती है। शाम के समय प्रवेश द्वार पर रंगोली निर्मित की जाती है ताकि स्वच्छता देख कर लक्ष्मी जी घर पधारें। पुराणों के अनुसार धन्वंतरि जी का अवतरण समुद्र मंथन के अवसर पर अमृत कलश सहित हुआ था। अतः इस दिन बर्तन या आभूषण खरीदना शुभ संकेत माना गया है। बर्तन तथा स्वर्ण या चांदी की धातुएं, स्टील की आल्मारी या तिजोरी, गृहोपयोगी होने के साथ साथ काफी हद तक स्थाई माने जाते हैं। धन तेरस अर्थात धन त्रयोदशी पर्व का अत्यंत महत्व माना गया है। धन तेरस के साथ पौराणिक ही नहीं अपितु आर्थिक, सामाजिक, धार्मिक मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। यह पर्व दीवाली के आगमन की सूचना देता है और महापर्व का पंचदिवसात्मक दिन आरंभ हो जाता है। वास्तव में यह दिवस, लक्ष्मी जी के स्वागत का, धन प्रबंधन का, आय बढ़ाने, बचत एवं निवेश के सामंजस्य का सुअवसर है।
धनतेरस पर बर्तन बाजार में देखी गई रौनक , जमकर बिके कांसे पीतल व स्टील के बर्तन
लोहरदगा। धनतेरस को लेकर लोहरदगा का बर्तन बाजार में इस बार खास चहल पहल देखी गई। पीतल, कांसे व स्टील से निर्मित बर्तन समेत अन्य चीजों के कच्चे माल में तेजी होने के बाद भी व्यापारियों को धनतेरस पर लाखो रुपये के कारोबार हुई। देर रात तक बर्तनों के दुकानों पर भीड़ लगी थी। व्यापारियों की मानें, तो इस धनतेरस बाजार से करीब दो से तीन करोड़ का कारोबार हुई है। धनतेरस और दीपावली पर सर्राफा, इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल्स, बर्तन और गिफ्ट आइटम की दुकानों से करोड़ों का कारोबार हुई। बिक्री को लेकर व्यापारियों में भारी उत्साह देखा गया। शहर के अपर बाजार, गुदरी बाजार, शास्त्री चौक, महावीर चौक, सोमार बाजार, सर्राफा बाजार में दुकानों को दुल्हन की तरह सजाया गया था। अलग-अलग वैराइटी के बर्तन दुकानों पर सजा रखे थे। अकेले बर्तन का ही एक करोड़ से अधिक का व्यापार होने की उम्मीद व्यापारियों ने जताई थी। इधर बर्तन व्यापारी विकास कांस्यकार , पिंटू कसेरा आदि का कहना है की इस बार धनतेरस पर नए स्टाक में स्टील के नए डिजाइन के बर्तन मंगाए थे। इंडेक्शन कढ़ाही, भगौना, चायपेन, थ्री इन इन वन, कूकर सहित स्टील के नए डिजाइन के बर्तनों की खूब मांग रही। ताकि ग्राहक मायूस होकर वापस न लौटे। वही धनतेरस पर शाही बर्तनों की खूब खरीदारी की गई।