गिद्धौर(चतरा)। गिद्धौर प्रखंड मुख्यालय में संचालित पैक्स बैंक के कर्मियों के मिली भगत से लाखों के घोटाला का अरोप लाभुकों द्वारा लगाए गए हैं। ज्ञात हो कि गिद्धौर में बैंक का उद्घाटन 2004 में हुई थी और उस वक्त से 2023 तक लगभग 5560 खाताधारी इस बैंक के माध्यम से राशि आदान-प्रदान कर रहे थे। इसके अलावे अन्य सरकारी काम भी किया जा रहा था। 2024 में अचानक से सैकड़ो बैंक खाता धारकों का खाता बंद कर दिया गया। जिसकी संख्या 4710 बताई जा रही है। इन सभी के खातों से 28 लाख 16 हजार 8 सौ 50 पचास रुपये कर्मियों के मिली भगत से गमन कर लेने की बात कही जा रही है। इसकी शिकायत लाभुकों ने जिले के उपयुक्त एवं मंत्री तथा झारखंड सरकार को लिखित आवेदन देकर की है। आवेदन में लिखा गया है कि 2023 में 5560 खाता था। लेकिन 2023-24 में बिना आदेश के अब 850 खाता बचे हुए हैं। खतों में 2022-23 में 5560 खाताधारियों के शेष राशि अंकेक्षण के अनुसार एक करोड़ 64 लाख 16 हजार 8 सौ 85 रुपये देय था। 2023-24 में 4710 खाता बंद करने के बाद अंकेक्षण के अनुसार एक करोड़ 36 लाख देय बचा। जबकी 2023 -24 एवं 2024 में अंतर 28 लाख 16 हजार 8 सौ 85 रुपया का मिला। जो उपरोक्त प्राधिकारियों द्वारा मिली भगत से बंदर बांट किया गया है। इसके पूर्व में 2009-10 में अंकेक्षण से संबंधित जानकारी दी गई। 2018 में प्रधानमंत्री फसल बीमा करवाने के नाम से लगभग 1,65,000 लाख रुपये गबन करने का भी आरोप लगाया गया है। वहीं पैक्स संचालक सुरेश दांगी ने बताया कि कोई खाता बंद नहीं किया गया है। जितना खाता बंद किया गया ओ सभी नियमीत संचलीत नही थे। जिसे खाताधारी के आने पर चालू किया जा रहा है। पैक्स अध्यक्ष चिंतामन दांगी ने कहा सारा आरोप गलत है। पैक्स का कार्य नियमानुसार किया जा रहा है। कोई खाता बंद नहीं किया गया है। खाताधारी बैंक में आयेंगे खाता शुरू हो जाएगा। वहीं बीसीओ सुरेश शहदेव ने बताया कि बैंक के नियमानुसार आदि 3 से 6 महीना तक खाता धारक बैंक से लेनदेन नहीं करता है। तो स्वतः खता लॉक हो जाता है और खाता धारकों को केवाईसी करवाना पड़ता है। उसके बाद पुनः चालू कर दिया जाता है। अदि घटना सच है तो उच्च अधिकारियों से जांच करवाई जाएगी।