पच्चास वर्षों से सिमरिया की जनता के सेवा में लगा है दिंवगत रामचंद्र राम का परिवार, इस बार जेएमएम प्रत्याशी है दिंवगत के पुत्र मनोज चंद्रा, जनता से एक मौका मांग रही है दिवंगत विधायक की पुत्र वधु

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मयूरहंड(चतरा)। सिमरिया विधानसभा क्षेत्र का एक ऐसा परिवार जो निःस्वार्थ जनता की सेवा में पच्चास वर्षों से लगा हुआ है। वह कोई और नहीं बल्कि सिमरिया विधानसभा के पूर्व दिवंगत विधायक रामचंद्र राम का परिवार है। रामचंद्र राम का जन्म 05 जुलाई 1955 को सिमरिया प्रखंड अन्तर्गत ग्राम पुंडरा में अनुसूची जाति परिवार में हुआ। तत्कालिन समाज में हो रहे शोषण, अत्याचार, छुआछुत, समाजिक प्रताडना से व्यथित होकर 1977 में सरकारी नौकरी (पीडब्लूडी विभाग) त्यागकर भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी में शामिल हुए और अनेक आंदोलनों का हिस्सा बने, पिपरवार ट्रेड युनियन के एरिया सेक्रेटरी पद पर रहकर कामगारों की आवाज बनें। पांच बार लंबे संघर्ष के उपरांत अपने छठे प्रयास व 35 वर्षों के लम्बे संघर्ष के बाद 7 फरवरी 2008 में भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी के टिकट पर सिमरिया विधानसभा चुनाव जीता। परंतु दुर्भाग्य अल्पकाल 2 मार्च 2009 में हीं ह्रदयगति रुकने से उनकी मौत हो गई। अपना कार्यकाल भी पुरा नही कर पाए। उनके अधूरे कार्य एवं सपने को पूरा करने के लिए पिता के मरणोपरांत पुत्र मनोज कुमार चंद्रा ने भारतीय प्रशासनिक सेवा की तैयारी छोड़कर 2009 में परिवार की सहमति से राजनीतिक में प्रवेश किया और सीपीआई से 2009 में आम विधानसभा चुनाव से प्रतिनिधित्व करते हुए अपने पहले प्रयास में लगभग 19 हजार मत प्राप्त किये। अपने दूसरे प्रयास में आम विधानसभा चुनाव 2014 में राष्ट्रीय जनता दल से लगभग 26000 मत प्राप्तकर तीसरा स्थान पर रहे। वहीं तीसरे प्रयास में 2019 के विस चुनाव में आजसू चुनाव लड़े और लगभग 51000 मत प्राप्त करते हुए दूसरे स्थान पर रहे। श्री चंद्रा पहले से तिीसरे प्रयास में उत्रोतर बढ़ोतरी कह। इस बार के विधानसभा चुनाव में झामुमो से उम्मीदवार हैं। वहीं चुनाव हारने के बाद भी श्री चंद्रा जनता के बीच में रहकर लगातार उनके समस्याओं के सामाधन के लिए प्रयासरत रहे हैं। इस प्रकार उक्त परिवार बीते 50 वर्ष से सिमरिया विस क्षेत्र में निःस्वार्थ भााव से जनसेवा में लगा है। श्री चंद्रा की प्रत्नी प्रेमलता चंद्रा ने कहा कि आगे भी मेरा परिवार क्षेत्र की जनता के सेवा में लगा रहेगा, इस लिए इस चुनाव में एक मौका दें। श्रीत्र में अभी भी शिक्षा, सड़क, सिंचाई, पेयजल, स्वास्थ्य आदि समस्याएं मुंह बाये खड़ी है। क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या क्षेत्र में स्थापित कल कारखानों में बिरोजगारों को रोजगार दिलाना पहली प्राथमिकता होगी। जबकी इस पर आबतक जितने भी प्रतिनिधि चुने गए किसी ने ध्यान नहीं दिया।
पिता के मृत्यु के उपरांत विधायक मद से अनुशंसित 5 करोड़ एक लाख 37 हजार रूपये की योजनाओं को तात्कालिन प्रशासनिक पदाधिकारियों से लड़कर एवं हुई गड़बडियों को सुधारते हुए योजनाओं को जमीन पर उतारा। जिनमें 5 विद्यालय भवन (बगरा, ढोढी करनी, सेरनदाग आदि), 5 विवाह मंडप (गांगपुर, गिद्धौर, मयुरहंड आदि), लगभग 50 कूप निर्माण, लगभग 50 सडक निर्माण, तालाब निर्माण आदि प्रमुख हैं।