Wednesday, October 23, 2024

40 संदिग्ध हिरासत में, आतंकी हमले के बाद हर पहलू की छानबीन में जुटी एनआईए

श्रीनगर(जम्मू-कश्मीर)। बीते रविवार श्रीनगर के गांदरबल अंतर्गत गगनगीर में हुए आतंकी हमले में 7 लोगों की जान गई थी, जबकि पांच लोग घायल हो गए थे। अब उक्त मामले में जांच टीमों ने 40 संदिग्धों को हिरासत में लिया है। पुलिस अधिकारियों का मानना ​​है कि हमलावरों ने हमले की योजना बहुत सोच-समझकर बनाई थी और आतंकी सहयोगी नेटवर्क के समर्थन के कारण वे अपने मंसूबों को अंजाम देने में सफल रहे। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि हम उन्हें (आतंकवादियों को) जल्द पकड़ लेंगे। हमने पूछताछ के लिए कई संदिग्धों को हिरासत में लिया है, लेकिन अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।

घटनास्थल पर एनआईए ने की छानबीन

सुरंग निर्माण स्थल पर हुए भीषण आतंकी हमले के एक दिन बाद सुरक्षा बलों ने सोमवार को पर्यटक स्थल सोनमर्ग से सटे इलाके में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के एजेंटों ने महत्वपूर्ण साक्ष्यों के लिए घटनास्थल की छानबीन की है, जबकि सेना, सीआरपीएफ और पुलिस की टुकड़ियां निर्माण क्षेत्र के आसपास की पहाड़ियों में फैली हुई हैं ताकि कश्मीर घाटी में गैर-स्थानीय मजदूरों पर हुए सबसे घातक हमलों में शामिल अपराधियों और उनके साथियों का पता लगाया जा सके।

आतंकवादियों ने मजदूरों के मेस को बनाया निशाना

हमलावरों, जिन्हें पाकिस्तानी आतंकवादी माना जाता है, ने अपनी योजना को अंजाम देने से पहले साइट लेआउट का सावधानीपूर्वक अध्ययन किया। उन्होंने अधिकारियों के क्वॉर्टर में जाने से पहले सबसे पहले मजदूरों के मेस को निशाना बनाया। अधिकारियों को संदेह है कि हमलावरों को साइट के बारे में पहले से जानकारी थी, संभवतः वे पहले भी वहां काम कर चुके थे या उन्हें उस स्थान पर मौजूद स्थानीय लोगों से समर्थन प्राप्त था।

अधिकारियों ने कहा कि इलाके के सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है। प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े एक छाया संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट ने इस बर्बर कृत्य की जिम्मेदारी ली है। तीन दशकों से अधिक समय से आतंकवाद से त्रस्त इस क्षेत्र में पहले कभी ऐसी हिंसक घटना नहीं हुई थी। यह हमला उस समय हुआ जब कर्मचारी सुरंग परियोजना पर काम करने के बाद देर शाम अपने शिविर में वापस लौटे थे।

विभिन्न राजनीतिक दलों और संगठनों के नेताओं ने हमले की निंदा की, वहीं जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने निहित स्वार्थों को क्षेत्र की प्रगति और विकास में बाधा नहीं बनने देने का दृढ़ संकल्प व्यक्त किया। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस क्रूर हमले का बदला लेने की कसम खाई और क्षेत्र में हिंसा भड़काने के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया।

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