झारखंड की नई मुख्य सचिव हो सकती हैं 1988 बैच की आईएएस अधिकारी अलका तिवारी, केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से की गईं मुक्त

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न्यूज स्केल डेस्क
रांची। 1988 बैच की आईएएस अधिकारी अलका तिवारी को झारखंड का अगला मुख्य सचिव नियुक्त किया जा सकता है। भारत सरकार ने उन्हें केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से उनके मूल कैडर झारखंड में वापस भेजने का आदेश जारी कर दिया है। ऐसे में उनकी मुख्य सचिव के पद पर नियुक्ति की संभावना बढ़ गई है। वर्तमान में जितने भी अपर मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी हैं, उनमें सबसे वरीय अलका तिवारी ही हैं। 1988 बैच की आइएएस अधिकारी अलका तिवारी को एक दिन पहले ही 15 अक्टूबर को विमुक्त किया गया है।

ज्ञात हो कि वर्तमान मुख्य सचिव एल. खियांग्ते 31 अक्टूबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उनकी सेवानिवृत्ति के साथ ही राज्य सरकार तीन अधिकारियों का नाम केंद्रीय कार्मिक विभाग को भेजेगी जिसमें से किसी एक को मुख्य सचिव बनाया जाता है। चुनाव होने के कारण इसकी जानकारी निर्वाचन आयोग को भी देनी होगी।

आईएएस अलका तिवारी तिवारी का संक्षप्त परिचय

अलका तिवारी 1988 बैच की आईएएस अधिकारी हैं और उन्होंने झारखंड के विभिन्न जिलों में जिलाधिकारी (डीसी) के रूप में कार्य किया है। वह रसायन और उर्वरक मंत्रालय (भारत सरकार) की अतिरिक्त सचिव और वित्तीय सलाहकार के रूप में काम कर चुकी हैं। इसके अलावा जनजाति आयोग के सचिव के रूप में भी काम कर चुकी हैं।

जाने मुख्य सचिव की पावर

मुख्य सचिव पूरे सचिवालय के काम को नियंत्रित करता है। वह सचिवालय संगठन का हेड होता है। मुख्य सचिव का काम मुख्यमंत्री के हर काम में मदद करना होता है। मुख्य सचिव राज्य प्रशासन से जुड़े सभी मामलों में ब्ड के प्रधान सलाहकार के रूप में दायित्व निभाता है। मुख्यमंत्री खुद राज्य के शासन से संबंधित सभी नीतिगत मुद्दों पर मुख्य सचिव से परामर्श करता है। मुख्य सचिव राज्य के मंत्रियों द्वारा भेजे गए प्रस्तावों से संबंधित प्रशासनिक अड़चनों की जानकारी मुख्यमंत्री को देता है। मुख्य सचिव राज्य मंत्रिमंडल के सचिव के रूप में कार्य करता है।