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छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद पहली बार सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में बड़ी संख्या में नक्सलियों को ढ़ेर किया है। इससे पूर्व अप्रैल में छत्तीसगढ के कांकेर जिले में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में बड़े ओहदे के कैडर सहित 29 नक्सलियों को मार गिराया था। इस संबंध में पुलिस के अनुसार दंतेवाड़ा जिले के बारसूर थाना और नारायणपुर जिले के ओरछा थाना क्षेत्र के अंतर्गत गवाड़ी, थुलथुली, नेंदूर और रेंगावाया गांव के बीच पहाड़ी पर माओवादियों की छह नंबर कंपनी तथा पूर्वी बस्तर डिवीजन के नक्सलियों की उपस्थिति की सूचना मिली थी। सूचना पर गुरुवार दोपहर बाद दंतेवाड़ा और नारायणपुर जिले से डीआरजी और विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के लगभग 1500 जवानों को नक्सल विरोधी अभियान के लिए रवाना हुआ था। दंतेवाड़ा जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आरके बर्मन ने बताया कि तीन अक्टूबर को शुरू अभियान दो दिनों तक चला और राज्य में अब तक का सबसे बड़ा सफल नक्सल विरोधी अभियान साबित हुआ। श्री बर्मन ने बताया कि शुक्रवार दोपहर लगभग एक बजे सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच शुरू मुठभेड़ देर शाम नेंदूर और थुलथुली गांवों के बीच जंगल में समाप्त हुई। 12 किलोमीटर पहाड़ी रास्तों पर चढ़कर जवानों ने नक्सलियों का किया खात्मा। मुठभेड़ स्थल से 28 नक्सलियों के शव बरामद किए गए थे, जबकि शनिवार को तीन और शव बरामद किए गए। मारे गए कथित नक्सली वर्दी में थे। पुलिस सूत्रों के अनुसार सीआरपीएफ के जवानों ने तलाशी अभियान में मदद की और नक्सलियों के शव दंतेवाड़ा लाए जा रहे हैं।
188 माओवादियों को मार गिराया है
पुलिस अधिकारियों के अनुसार इस मुठभेड़ के बाद अब तक इस वर्ष दंतेवाड़ा और नारायणपुर समेत सात जिलों वाले बस्तर क्षेत्र में अलग-अलग मुठभेड़ों में सुरक्षा बलों ने 188 माओवादियों को मार गिराया है।