जन शिकायत कार्यक्रम में गरीब व विकलांग युवक की दर्दभरी कहानी ने पुलिस कप्तान तक को झखझोर दिया, विशेष रिपोर्ट…

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पुलिस कप्तान अनिमेष नैथानी ने युवक की व्यथा को ध्यान से सुना, त्वरित कार्यवाही का दिया निर्देश

 

उत्तम कुमार जायसवाल की विशेष रिपोर्ट

झारखंड के गोड्डा टाउन हॉल में हाल ही में एक अनोखा और दिल को छू लेने वाला दृश्य देखने को मिला। पुलिस और जनता के जुड़ाव को लेकर आयोजित एक कार्यक्रम में गोड्डा जिले के पुलिस कप्तान अनिमेष नैथानी ने एक गरीब और दिव्यांग युवक की व्यथा को सुना। यह युवक, जिसकी उम्र लगभग 25-27 साल की थी, अपनी कठिनाइयों और संघर्षों को लेकर काफी निराश था। उसकी हालत देखकर हर किसी की आंखें नम हो गईं, लेकिन जो सबसे अधिक प्रभावित हुआ, वह खुद पुलिस कप्तान थे। इस कार्यक्रम में पहुंचे इस युवक ने अपनी परेशानियों को खुलकर रखा। वह न सिर्फ शारीरिक रूप से दिव्यांग था, बल्कि आर्थिक तंगी से भी जूझ रहा था। उसके पास न तो पढ़ाई के लिए पैसे थे, और न ही आगे की जिंदगी में कोई स्पष्ट रास्ता दिख रहा था। वह अपनी समस्याओं को लेकर बेहद हताश था। उसे देखकर साफ पता चलता था कि जीवन की कठिनाइयों ने उसकी उम्मीदों को बुरी तरह झकझोर दिया था। वह न सिर्फ समाज से, बल्कि अपने भाग्य से भी हार मान चुका था। जब उसने मंच पर आकर अपनी समस्याओं को बताया, तो पूरे हॉल में एक अजीब सी खामोशी छा गई। उसकी बातें किसी भी संवेदनशील व्यक्ति को झकझोर सकती थीं।

पुलिस कप्तान अनिमेष नैथानी ने उस युवक की व्यथा को बहुत ध्यान से सुना। उन्होंने उसकी स्थिति को समझा और तुरंत ही उसे मंच पर अपने पास बुलाया। यह दृश्य हर किसी के दिल को छूने वाला था, जब कप्तान ने उसे अपनी सीट पर बैठाकर उसकी शिकायतों को बहुत ही शांति और संवेदनशीलता के साथ सुना। ऐसा बहुत कम ही देखने को मिलता है कि एक उच्च अधिकारी, खासकर पुलिस जैसे कठोर माने जाने वाले विभाग से, इस तरह की मानवीय संवेदनाएं प्रदर्शित करता हो।

युवक की कहानी सुनने के बाद कप्तान नैथानी ने न केवल उसे सांत्वना दी, बल्कि उसे आश्वासन भी दिया कि उसकी पढ़ाई और भविष्य को संवारने में वह हर संभव मदद करेंगे। उन्होंने उसे हिम्मत बंधाते हुए कहा, “जीवन में कठिनाइयाँ आती हैं, लेकिन हमें हार नहीं माननी चाहिए। आप जैसे लोग समाज के लिए प्रेरणा होते हैं, और मैं वादा करता हूँ कि आपकी पढ़ाई और करियर के लिए जो भी जरूरी होगा, वह हम जरूर करेंगे।”

यह घटना न केवल उस युवक के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एक मिसाल बन गई। पुलिस कप्तान का यह मानवीय रूप देखकर लोग हैरान रह गए। आमतौर पर पुलिस विभाग को सख्त और नियमों का पालन करवाने वाली एजेंसी के रूप में देखा जाता है, लेकिन अनिमेष नैथानी ने यह साबित कर दिया कि पुलिस का काम केवल कानून व्यवस्था बनाए रखना नहीं है, बल्कि समाज के कमजोर और वंचित तबके की मदद करना भी उसका अहम हिस्सा है।

यह घटना बताती है कि अगर हमारे समाज के उच्च पदों पर बैठे लोग संवेदनशील और सहानुभूतिपूर्ण होंगे, तो समाज में असमानता और दुखों का बोझ कम हो सकता है। पुलिस कप्तान ने उस दिव्यांग युवक के साथ जिस तरह का व्यवहार किया, वह न केवल उसके जीवन में एक नई रोशनी लेकर आया, बल्कि उस पूरे हॉल में मौजूद लोगों के दिलों को भी छू गया।

इसके बाद पुलिस कप्तान ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि पुलिस और जनता के बीच की दूरी को कम करना उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस को समाज के कमजोर तबकों के साथ सहानुभूति और संवेदनशीलता से पेश आना चाहिए। यह घटना गोड्डा जिले में एक सकारात्मक बदलाव का प्रतीक बन गई है। कप्तान नैथानी ने उस दिव्यांग युवक के साथ अपने इस जुड़ाव से यह संदेश दिया कि अगर पुलिस और जनता एक साथ मिलकर काम करें, तो समाज में हर तरह की समस्याओं का समाधान संभव है। इस घटना के बाद, पूरे जिले में पुलिस कप्तान अनिमेष नैथानी की तारीफें हो रही हैं। लोग उन्हें न केवल एक कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी, बल्कि एक संवेदनशील इंसान के रूप में भी देख रहे हैं।