न्यूज स्केल संवाददाता
चतरा। चुनाव नजदीक आते ही विभिन्न कर्मचारी संघ अपने मांगों को लेकर हड़ताल शुरू कर दिए हैं। ऐसे में जिले में भी कर्मचारी संघ की हड़ताल जारी है। विशेष रुप से मनरेगा कर्मियों के हड़ताल से आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। मनरेगा से संचालीत योजनाएं जिले में पूर्ण रुप से ठप हैं, जिससे मनरेगा मजदूर भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं। ज्ञात हो कि 22 जुलाई से प्रारंभ अनिश्चितकालीन हड़ताल अब भी जारी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार संघ की प्रमुख मांग सेवा स्थायी करने की है। इसके अलावे मनरेगा कर्मियों को मिलने वाले मानदेय में सम्मानजनक वृद्धि करने सहित अन्य मांग शामिल है। जो कर्मी हड़ताल पर गये हैं उनमें रोजगार सेवक, कनीय अभियंता, सहायक अभियंता व बीपीओ शामिल हैं। जिले में मनरेगा कर्मचारियों की संख्या 2 सौ से उपर और इनके धरने पर बैठने से विभिन्न प्रखंडों में मनरेगा के कार्य बाधित हो रहे हैं। ज्ञात हो कि जिले में कूपों का कार्य अधूरा है, जबकि बरसात आने से पहले इनका निर्माण पूरा करना था। अब बरसात का मौसम चल रहा और मनरेगा कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। ऐसे में भारी बरसात में अधूरे कूपों का निर्माण पूरा होने से पहले धंसने का खतरा बना हुआ है। इससे लाभुकों के साथ सरकार को भी करोड़ों रुपये का नुकसान हो सकता है। यहां तक कि मनरेगा से चल रहे अबुआ आवास, मेड़ बंदी, टीसीबी, वाटर रिचार्ज जैसे कई कार्य प्रखंड में चल रहे थे, जो बाधित हो गए हैं। इसके कारण मजदूरों को भी रोजगार नहीं मिल पा रहा है और पलायन को मजबूर हैं मजदूर।