गुमला पॉलिटेक्निक के छात्र, शिक्षक एवं कर्मियों ने विश्व आदिवासी दिवस को धूमधाम से मनाया।

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झारखण्ड/गुमला -गुमला पॉलिटेक्निक ने विश्व आदिवासी दिवस को बड़े उत्साह और उमंग के साथ मनाया। यह कार्यक्रम कॉलेज परिसर में आयोजित किया गया, जहाँ प्राचार्य डॉ. शिबा नारायण साहू और मुख्य प्रशासनिक अधिकारी अजीत कुमार शुक्ल ने दीप प्रज्वलित किया और छात्रों, शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों की उपस्थिति में भगवान बिरसा मुंडा को पुष्पांजलि अर्पित की। इस समारोह में संस्थान के विभिन्न विभागों द्वारा दो दिनों यानी 8 और 9 अगस्त को सुबह 9:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक कई आकर्षक कार्यक्रम आयोजित किए गए। समारोह में आदिवासी संस्कृति और परंपराओं के महत्व पर प्रकाश डाला गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य सांस्कृतिक विविधता को बढ़ावा देना और छात्रों के बीच एकता की भावना को बढ़ावा देना था।

समारोह के दौरान आयोजित कार्यक्रमों में शामिल थे:
चित्रकला प्रतियोगिता: विद्यार्थियों ने आदिवासी जीवन और संस्कृति के विभिन्न पहलुओं को दर्शाने वाली चित्रकला प्रतियोगिता में भाग लेकर अपनी कलात्मक प्रतिभा का प्रदर्शन किया। प्रतिभागियों की जीवंत और कल्पनाशील रचनाओं ने आदिवासी विरासत का सार प्रस्तुत किया। चित्रकला प्रतियोगिता के विजेता – प्रथम स्थान – प्रिया कुमारी (EE), द्वितीय स्थान – सरोज उरांव (CE), और तृतीय स्थान – रानी कुमारी (CE)।

प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता: एक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता ने प्रतिभागियों के विभिन्न आदिवासी समुदायों, उनके इतिहास, परंपराओं और योगदान के बारे में ज्ञान का परीक्षण किया। प्रतियोगिता ने न केवल छात्रों को शिक्षित किया बल्कि उनके बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित भी किया। प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के विजेता – प्रथम स्थान – अजीत ताना भगत (AE), द्वितीय स्थान – करीना टोप्पो (Min.E), और तृतीय स्थान – कल्याण भगत (Min.E)।

आदिवासी गीत गायन प्रतियोगिता: प्रतिभागियों की मधुर आवाज ने वातावरण को भर दिया क्योंकि उन्होंने आदिवासी गीत गाए जो पीढ़ियों से चले आ रहे हैं। गायन प्रतियोगिता में आदिवासी समुदायों की संगीत विरासत का जश्न मनाया गया, जिसमें उनके भावपूर्ण प्रदर्शन से दर्शकों का मन मोह लिया गया। गायन प्रतियोगिता के विजेता – प्रथम स्थान – तुषार राम (AE), द्वितीय स्थान – प्रशांत तिर्की (Min.E) और तृतीय स्थान – वर्षा कुमारी (Min.E)।

इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. शिबा नारायण साहू ने शिक्षा, स्वास्थ्य, मानवाधिकार, पर्यावरण, सामाजिक एवं आर्थिक विकास जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आदिवासी संस्कृतियों के संरक्षण एवं सम्मान के महत्व पर अपने विचार साझा किए। छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने विभिन्न समुदायों के बीच समावेशिता एवं समझ को बढ़ावा देने में शिक्षा संस्थान की भूमिका पर जोर दिया।

मुख्य प्रशासनिक अधिकारी अजीत कुमार शुक्ल ने प्रतिभागियों को सम्मानित करते हुए कहा, “जैसा कि हम विश्व आदिवासी दिवस मनाते हैं, आइए हम उन चुनौतियों को स्वीकार करें जिनका सामना स्वदेशी समुदाय करते हैं तथा उनके अधिकारों का समर्थन करने, उनकी संस्कृतियों को संरक्षित करने और उनके कल्याण को बढ़ावा देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को नवीनीकृत करें। आइए हम सीखें और एक ऐसी दुनिया बनाने के लिए मिलकर काम करें जहां सभी संस्कृतियों का सम्मान किया जाए और उन्हें संजोया जाए।”

विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर संस्थान के निदेशक अभिजीत कुमार ने कार्यक्रम में ऑनलाइन जुड़कर युवा पीढ़ी को आदिवासी समुदाय की संस्कृति और परंपराओं के प्रति सकारात्मक और उत्साही दृष्टिकोण अपनाने पर जोर दिया।

कार्यक्रम का समापन संस्थान के प्रतियोगी छात्रों के बीच पदक और प्रमाण पत्र वितरण के साथ हुआ। प्रतियोगिता में विजयी छात्रों को पदक दिए गए और सभी प्रतियोगियों को प्रमाण पत्र देकर प्रोत्साहित किया गया।