न्यूज स्केल डेस्क
इस वक्त की बड़ी खबर आ रही है कि अपने पद से नेपाल के पीएम ने इस्तीफा दे दिया है। ज्ञात हो कि नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड को बड़ा झटका लगा है। कारण है प्रचंड संसद में विश्वास मत हार गए और 19 महीने सत्ता में रहने के बाद अब उन्हें पद छोड़ना पड़ा। काठमांडू पोस्ट के मुताबिक, वह संसद में विश्वासमत हासिल करने में नाकाम रहे। फ्लोर टेस्ट में उन्हें 275 में सिर्फ 63 सांसदों का साथ मिला। नेपाल की नेशनल असेंबली के 138 सांसदों ने उनके खिलाफ वोट किया। पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा की अगुवाई वाली सीपीएन-यूएमएल द्वारा प्रचंड की सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद उनको विश्वास मत हासिल करने के लिए मजबूर होना पड़ा था। वहीं सीपीएन-यूएमएल द्वारा समर्थन वापसी के कारण प्रचंड के पास विकल्प सीमित हो गए थे, जिसके कारण उन्हें तुरंत पद छोड़ने या एक महीने के भीतर विश्वास मत का सामना करना था। ऐसे में शुक्रवार को संसद में विश्वास मत परीक्षण हुआ, जहां वह हार गए। इस महीने की शुरुआत में नेपाल की दूसरी सबसे बड़ी और चीन समर्थक केपी शर्मा ओली की पार्टी सीपीएन-यूएमएल ने प्रधानमंत्री प्रचंड की पार्टी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल से गठबंधन तोड़ने का फैसला किया था। इसके बाद नेपाल के संविधान के आर्टिकल 100 (2) के तहत उन्हें बहुमत साबित करना था। जिसमें फेल हो गए। सूत्रों की मासने तो ओली बन सकते हैं अगले प्रधानमंत्री। क्योंकी ओली की पार्टी सीपीएन-यूएमएल ने देश की सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस से गठबंधन करने का फैसला किया है। 4 महीने पहले ही केपी शर्मा ओली ने प्रचंड की सरकार को समर्थन दिया था। तब प्रचंड ने शेर बहादुर देउबा की नेपाली कांग्रेस से गठबंधन तोड़ा था। शेर बहादुर देउबा को भारत समर्थक माना जाता है। वहीं ओली चीन के करीबी माने जाते हैं।
प्रधानमंत्री ने दिया इस्तीफा, सीपीएन-यूएमएल के समर्थन वापसी बाद विकल्प सीमित हो गए थे
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