न्यूज स्केल संवाददाता
टंडवा (चतरा)। पिछले एक दशक में टंडवा-सिमरिया मुख्य सड़क में कोल वाहनों द्वारा कई की जिंदगियां लील ली गई है। जिसपर अब पूर्ण विराम लगाने की व्यापक कवायद चहुंओर शुरू हो गई है। मुख्य तौर पर इन दिनों हजारीबाग जिले के चट्टी बरियातु कोल परियोजना से हजारीबाग के कटकमसांडी तक टंडवा-सिमरिया मुख्य सड़क से कोयले की हो रही ढुलाई से आमलोगों में भारी आक्रोश है। बुधवार को मिश्रौल बाजार टांड़ में उक्त मामले को लेकर बैठक हुई। जिसमें मौजूद जेएमएम नेता मनोज चंद्रा ने नो इंट्री की मांगों का समर्थन करते हुवे कहा कि वे उपायुक्त से शीघ्र अमल में लाने हेतु इसकी समय-सीमा सौंपेंगे। अगर इसके बाद भी समुचित पहल नहीं हुई तो वे ग्रामीणों व अपने समर्थकों के साथ सड़क में उतरकर जोरदार धरना-प्रदर्शन करेंगे। इसके साथ हीं पिछले दिनों 1 जून को रहमतनगर में कोल वाहन से हुई मजदूर की मौत मामले में घटनास्थल पर पहुंचे जनप्रतिनिधियों पर प्रशासन की ओर से की गई कार्रवाई की लोगों ने निंदा करते हुवे कहा कि इससे आमजनों के बीच प्रशासन के प्रति भारी अविश्वास उत्पन्न हुआ है। वहीं उपायुक्त से मिलकर मुकदमा वापस लेने की मांग की जाएगी। इस मौके पर रामनगीना सिंह, मोहन राणा, जितेन्द्र सिंह, महावीर साव,बनवारी साव,प्रयाग राम,नीरज तिवारी,मोहन राणा, शमीम अंसारी,चिता साव, रमजान मियां,अनिल वर्मा, मो.इसमाईल, बलराम साव,केशो साव समेत अनेक ग्रामीण उपस्थित थे।
नो इंट्री की मांग पर सांसद व विधायक उपायुक्त से मिले
नो इंट्री लगाने की चहुंओर उठ रही जोर-शोर से मांग पर बुधवार को हीं सांसद कालीचरण सिंह व विधायक किसुन दास उपायुक्त रमेश घोलप से मिले। ज्ञात हो कि पिछले दिनों 1 जून को सड़क दुर्घटना में पहुंचकर श्री सिंह लोगों के बीच नो इंट्री लगाने की पुरजोर वकालत कर चुके हैं। बताया जाता है कि उक्त मामले में उपायुक्त द्वारा शीघ्र समुचित पहल करने का भरोसा दिया गया है। बहरहाल, सड़क दुर्घटना में बेमौत मातम से आजिज आ चुके आमजनों की नजर अब सिर्फ धरातल में ठोस कार्रवाई पर टिकी है।