न्यूज स्केल ब्यूरो
गुमला(झारखण्ड)। मिशन बदलाव की टीम भूषण भगत बिनोद साहू, सगुन ठाकुर और राज उराव के नेतृत्व में गुमला ब्लॉक के आंजन पंचायत के सुदूरवर्ती इलाकों के मड़वा टेटरटोली गावं पहुंचे। ग्रामीणों ने अपनी समस्याओं के समाधान के लिये मिशन बदलाव को बुलाया था, और ग्रामीणों चौपाल में विभिन्न समस्याओं पर बेबाकी से विचार-विमर्श हुआ। मिशन बदलाव को ग्रामीणों ने बताया कि हमारे सिंचाई का संसाधनों का घोर आभाव है एवं गर्मी का प्रकोप जारी है. नदी, नहरें सूख गयी हैं और गांवों में आबादी के हिसाब से ट्यूबवेल नहीं हैं. ऐसे में खेतों की सिंचाई कैसे होगी साहब, अब खेती पहले जैसी नहीं रही. खेती महंगी हो गयी है. सरकार योजनाएं चला रही है, लेकिन वे योजनाएं सरकारी फाइलों तक ही सिमट कर रह जाती है और सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिये विधायक का भी दौड़ लागएँ और दौड़ भी व्यर्थ रहा है और विधायक के द्वारा अनुसंशा पत्र ग्रामीणों के द्वारा विभागों में जमा भी हुआ लेकिन सिंचाई का संसाधन मिला नहीं एवं विधायक के अश्वाशन भी खोखला साबित हुआ और लगभग दो साल बीत गए।ग्रामीणों ने कहा कि कृषि अनुदान का लाभ हम कृषकों को नहीं मिलता है,मिशन बदलाव के भूषण भगत ने कहा कि गांवों को भी शहरों की तरह हाइ टेक्नोलॉजी युक्त सुविधाओं से जोड़ने की बात भले की जा हरी हो, लेकिन वास्तविक रूप में किसान आज भी इन सबसे बहुत पीछे हैं दिन रात अपने खून पसीने से फसलों को सींचकर अनाज पैदा करनेवाले किसान आज भी बदहाल हैं. इन 24 सालों में सरकारें बदलती रहीं, योजनाएं बनती रहीं, लेकिन किसानों की दशा में अबतक कोई सकारात्मक बदलाव नहीं आया.मिशन बदलाव के ग्रामीण जिला अध्यक्ष बिनोद साहू ने कहा कि सिंचाई की सुविधा के अभाव में कृषि-कार्य से किसानों का मोह भंग के कारण शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं सिंचाई में पटवन के लिए मॉनसून के अलावा निजी बोरिंग ही एकमात्र विकल्प है, लेकिन पूंजी के अभाव में किसान बोरिंग भी नहीं करा पाते.किसानों का मानना है कि यदि सरकार पाइपलाइन की व्यवस्था करा दे।आज की बैठक में मुखिया सहित सैकडों ग्रामीण उपस्थित थे