समाजीक परंपरा तथा अच्छी बारिश को लेकर ग्रामीण करते हैं वीर पूजा, हजारों वर्षों से चली आ रही है पूर्वजों की यह परंपरा
न्यूज स्केल संवाददाता, भुपेंद्र पांडेय
गिद्धौर(चतरा)। हजारों वर्ष से अच्छी बारिश को लेकर चली आ रही परंपरा को निभाते हुए गिद्धौर प्रखंड अंतर्गत सलगा गांव में ग्रामीणों ने अमन चौन, शांति व अच्छी बारिश को लेकर विधि विधानपूर्वक वीर पूजा किया। पूजा गांव के ही भगत भुनेश्वर भुईयां के द्वारा संपन्न कराया गया। पूजा करने की यह पारंपरिक रिवाज हजारों वर्षों से चलती आ रही है। भगत ने बताया कि गांव के सुख चौन, शांति व अच्छी बारशि के लिए यह पूजा बैसाख माह में किया जाता है। क्यों की गर्मी के महीना में अक्सर आंधी तूफान चलती और गांव में अनहोनी होने की संभावना बनी रहती है। जिससे शांति व आने वाले समय में अच्छी बारिश हो ताकी फसल भी बेहतर हो, इसके लिए ही वीर पूजा की परंपरा चली आ रही है, जिससे हम सभी भी निभा रहे हैं। पूजा से पहले भगत के साथ समाज के लोग पूरे गांव में घर-घर घूम कर ढोल बजा बजाकर गांव के ग्रामीणों को जागाते हुए अनाज सब्जी फल की उगाही करते हैं। उसके बात बीरबन के पास जमा कर बीर की पूजा विधि विधान से पाहन के द्वारा संपन्न कराया जाता है। यह पूजा साल में एक बार किया जाता है। यही नहीं मोर पंख पाहन घर-घर घूम कर भगत बच्चों को झाड़ते हैं ताकी बुरी नजरों से बचे सभी। वीर पूजा करने से ग्रामीणों का मानना है कि अच्छी बारिश का भी अनुमान अरवा चावल देखकर पाहन करते हैं। जनजाति समाज तथा पाहन के द्वारा वीर पूजा में करीबन आधा दर्जन मुर्गे एवं एक जोड़े सूअर की भी बली देने की परंपरा का र्निवहन किया जाता है। साथ ही गांव में स्थित बरगद पेड़ में बीरबन देवता का पूजन कर खैर के खूंटी गाड़ने के बाद घी एवं लाल सिंदूर से संपूर्ण भूइयां समाज टीका लगाते हैं। वीर पूजा में संजय भुईयां, रमेश भुईयां, भरत भुईयां, केला भुईयां, राजेंद्र भुईयां, मनोज भुईयां, मुकेश भुईया, के अलावे महिलाएं व बच्चे भी शामिल थे।