सेंट्रल यूनिवर्सिटी झारखंड के तीसरे दीक्षा समारोह में शामिल हुईं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, कहा उपाधि प्राप्त कर विकसित भारत के निर्माण में लगें युवा

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न्यूज स्केल डेस्क
रांची। बुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु सेंट्रल यूनिवर्सिटी झारखंड के तीसरे दीक्षा समारोह में शामिल हुईं। मनातू स्थित विश्वविद्यालय परिसर में उन्होंने पीएचडी की उपाधि और स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए उन्हें बधाई दी। राष्ट्रपति ने कहा कि विश्वविद्यालय से उपाधि लेने वाले और स्वर्ण पदक लेने वाले छात्रों को अपने ज्ञान का उपयोग कौशल निर्माण में करना चाहिए। वे इस कौशल का उपयोग विकसित भारत के निर्माण में करें। देश अब सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास की धारणा पर चल रहा है। इसमें युवाओं की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। राष्ट्रपति ने कहा कि इस बात की खुशी है कि सेंट्रल यूनिवर्सिटी झारखंड अपने छात्रों को ज्ञान का सार्थक उपयोग करना सीखा रहा है। राष्ट्रपति ने कहा कि झारखंड में 24 प्रतिशत आबादी जनजातीय समाज की है। उनका अपना जुड़ाव भी इस समाज से रहा है। उन्होंने आगे कहा कि झारखंड में राज्यपाल रहते हुए उन्हें यहां के सामाजिक जीवन को जानने और उनके लिए काम करने का मौका मिला है। पिछड़े और वंचित वर्ग के लिए काम करने में समाज के सभी वर्गों को जिम्मेदारी निभानी होगी।

राष्ट्रपतिः छात्राओं की उपलब्धि पर गर्व

दीक्षा समारोह में पदक विजेताओं में आधी संख्या छात्राओं की रहने पर राष्ट्रपति ने इसे गर्व की बात की। उन्होंने कहा कि सदियों से पीछे रही महिला शक्ति को आगे बढ़ते देखने पर खुशी होती है। उन्होंने समाज और देश में समरसता और सबके लिए गरिमा पूर्ण वातावरण को आवश्यक बताया। राष्ट्रपति ने कहा कि सेंट्रल यूनिवर्सिटी झारखंड का भवन स्वर्णरेखा नदी के किनारे बना है। इस नदी के जल में यह क्षमता है कि वह लोगों को ज्ञानी बनाता है। सीयूजे ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को अपनाया है। स्थानीय भाषा, संस्कृति, जनजातीय गीत संगीत के संवर्धन के लिए विश्वविद्यालय कोे प्रयास को वो धन्यवाद देती हैं। प्रकृति के साथ समन्वय कर इस पूरे भवन की रचना की गई है। उन्होंने ग्रीन आर्किटेक्ट के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन की सराहना की।