विशेष संवाददाता, अरविंद कुमार
चतरा। वसंत पंचमी के दूसरे दिन गुरुवार को जिला मुख्यालय के अलावे विभिन्न प्रखंड़ों में विद्या की देवी मां वीणावादिनी को भावपूर्ण और नम आखें से विदाई दी गई। विदाई के पूर्व माता सरस्वती की प्रतिमा की सुहागिनों ने खोइछा भराई की रस्म अदा की। शिक्षण संस्थानों सहित विभिन्न क्षेत्रों में स्थापित मां सरस्वती की अधिकतर प्रतिमाओं का विसर्जन शुक्रवार को विभिन्न जलाशयों में कर दिया गया। दोपहर से ही जिला मुख्यालय के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में विसर्जन की शोभायात्रा शुरू हो गई थी। यह सिलसिला कई घटों तक चला। प्रतिमा विसर्जन शोभायात्रा विभिन्न सड़कों से गुजरती रही। विभिन्न पूजा पंडालों द्वारा अलग-अलग निकाली गई विसर्जन जुलूस में शामिल विद्यार्थी व अन्य लोग डीजे की धुन पर नाचते-थिरकते और एक दूसरे को अबीर-गुलाल लगाते चल रहे थे। प्रतिमा विसर्जन के दौरान शहर के संवेदनशील क्षेत्रों में समुचित संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की गई थी। प्रतिमा विसर्जन जुलूस में भी पुलिस के जवान साथ-साथ चल रहे थे। हालांकि, जिन पंडालों में सास्कृतिक कार्यक्रमों की तैयारी है, उन पंडालों की प्रतिमा का विसर्जन शुक्रवार को किया जाएगा। गिद्धौर प्रखंड़ के विभिन्न विद्यालय सहित क्लबों से मां सरस्वती की प्रतिमा का विसर्जन किया गया। प्रतिमा का विसर्जन गाजे-बाजे के साथ रामसागर आहार में किया गया। विसर्जन में विद्यालय के शिक्षक व क्लब के अध्यक्ष सहित छात्र-छात्राएं शामिल थे। वहीं शहर के लिपदा गांव में विश्वकर्मा परिवार द्वारा माता शारदे की पूजा लगभग 200 वर्षों से की जा रही है। इस दौरान यजमान व पुरोहित मनोज विश्वकर्मा ने कहा कि मां की पूजा छठवीं पीढ़ी कर रही है। माता की पूजा में पूरा गांव शामिल होता है। पूजा में संजना कुमारी, अंजली कुमारी, चंदा कुमारी, आरती देवी, गुड़िया देवी, तारा देवी मनोज विश्वकर्मा, मुकेश विश्वकर्मा, राकेश विश्वकर्मा, सनोज विश्वकर्मा आदि शामिल थे।
नम आंखों से दी गई मां सरस्वती को विदाई, विभिन्न जलाशयों में किया गया प्रतिमाओं का विसर्जन
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