ट्रांसजेंडर (उभयलिंगी) होना कलंक नहीं‘ पर कार्यशाला का आयोजन, उपायुक्त व अन्य वक्ताओं ने कहा ट्रांसजेंडर समुदाय के प्रति सहानुभूति व सहयोग की भावना रखे

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न्यूज स्केल संवाददाता
चतरा। डीआरडीए प्रशिक्षण केंद्र में जिला समाज कल्याण विभाग के तत्वावधान में ट्रांसजेंडर (उभयलिंगी) होना कलंक नहीं पर कार्यशाला का आयोजन गुरुवार को किया गया। जिसकी अध्यक्षता जिला समाज कल्याण पदाधिकारी सुरजमुनि कुमारी ने किया। जिसमें बतौर मुख्य अतिथि उपायुक्त अबु इमरान एवं विशिष्ट अतिथि ट्रांसजेंडर सपना कुमारी, अमरजीत, पीयूष देवगन (जमशेदपुर), आनंदी (रामगढ़) उपस्थित थे। कार्यशाल का उद्घाटन अतिथियों के द्वारा विधिवत दीप प्रज्जवलित कर किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपायुक्त ने कहा कि समाज में ट्रांसजेंडर समुदाय को अभी भी भेदभाव का सामना करना पड़ता है, जो चिंतनीय है। समाज में अभी भी उन्हें अपनी पहचान स्थापित करने में मशक्कत करनी पड़ रही है। ट्रांसजेंडर समुदाय आम लोगों की भांति ही है। लोगों से समुदाय के प्रति सहानुभुति एवं सहयोग की भावना रखने की अपील की। साथ ही उक्त समुदाय के लिए सरकार द्वारा प्रायोजित कार्यक्रमों की भी जानकारी दी। जिला समाज कल्याण पदाधिकारी ने विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि आज भी उक्त समुदाय के लिए समाज में भ्रांतिया है। जिसे हम सभी का दायित्व है कि आम जनों के प्रति जागरूकता फैलाते हुए ट्रांसजेंडरों के प्रति समाज में फैले कु-प्रथाओं को दूर करें एवं समाज में उनके प्रति भेदभाव, भय, दुर्भावना को दूर करते हुए सरकार की विभिन्न योजनाओं, उनके कौशल विकास कर आर्थिक रूप से सशक्त बनाने तथा समाज के मुख्यधारा पर लाने पर बल दिया।

वहीं बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष धनंजय तिवारी ने कहा कि समाज में फैले भ्रांतियों के बीच इनका जन्म लेना और विषम परिस्थिति में अपने आप को पहचान स्थापित करना एक कठिन चुनौती है। उक्त समुदाय के लोग जागरूकता व अशिक्षा के अभाव में अपना बेहतर जीवन यापन नहीं कर पाते हैं। परिणाम स्वरूप गलत रास्ते अपना लेते हैं। ऐसे में हम सभी की जिम्मेवारी बनती है कि इन्हें समानता की दृष्टिकोण से आगे बढ़ने में सहयोग करें। कार्यशाला में उपस्थित ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों को मोमेंटो व शॉल देकर सम्मानित किया गया। कार्यशाला में डीआरडीए निदेशक अरुण कुमार एक्का, जेएसएलपीएस के डीपीएम, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष, सभी सदस्य, जिला परिषद सदस्य सिमरिया पश्चिमी, उत्तरी, पत्थलगड़ा, टंडवा, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी सिमरिया, जिले के विभिन्न पंचायतों के मुखिया, महिला पर्यवेक्षिका, सेविका एवं कार्यालय कर्मी उपस्थित थे। प्रतिभागियों के द्वारा भी ‘‘ट्रांसजेंडर (उभयलिंगी) होना कलंक नहीं‘‘ विषय पर अपने विचार व्यक्त किया गया।